एनआरसीसी द्वारा अनुसूचित उप-योजना तहत पशु शिविर व कृषक-वैज्ञानिक संवाद आयोजित

बीकानेर,18जनवरी । भाकृअनुप-राष्‍ट्रीय उष्‍ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एनआरसीसी) द्वारा अनुसूचित जाति उपयोजना (एससीएसपी) के तहत आज पूगल तहसील के अमरपुरा गांव में पशु स्वास्थ्य शिविर एवं कृषक-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

जिसमें इस गांव एवं आस-पास क्षेत्र के 75 पशुपालक सम्मिलित हुए। शिविर में कुल 1470 पशुओं (जिनमें ऊँट 140, गाय 80, भेड़ व बकरी 1250) को दवाइयां, उपचार एवं उचित समाधान देकर लाभान्वित किया गया।
इस दौरान केन्द्र निदेशक डॉ.आर्तबन्धु साहू ने भारत सरकार की एस.सी.एस.पी. उप-योजना के महत्व पर बोलते हुए कहा कि पशुओं के बेहतर रखरखाव एवं प्रबन्धन हेतु पशुपालक भाई, ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों का अधिकाधिक लाभ उठाएं ताकि पशुपालन व्यवसाय से अधिक आमदनी प्राप्त कर सकें।

pop ronak

उन्होंने बदलते परिवेश में कृषि एवं पशुधन क्षेत्र की नूतन प्रौद्योगिकी से जुड़ने, पर्याप्त चरागाह हेतु क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों एवं भूमि के संरक्षण, एनआरसीसी में ऊँट संबद्ध पारंपरिक पद्धतियों एवं मान्यताओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखने, ऊँटनी के औषधीय महत्व, इसका बाजार मूल्य बढ़ने, कैमल-इको टूरिज्म के बदलते स्वरूप को जानने तथा उष्ट्र उद्यमिता संबंधी संभावनाओं आदि पहलुओं पर प्रकाश डाला।

CHHAJER GRAPHIS

केन्द्र के एस.सी.एस.पी.उप-योजना के नोडल अधिकारी डॉ.आर.के.सावल ने बताया कि पशुपालकों की कैम्प एवं संवाद कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता के साथ उन्होंने, वैज्ञानिकों से खुलकर अपनी समस्याएं साझा कीं। पशुपालकों को शीत ऋतुओं में पशुओं की देखभाल, पशुओं के लिए आहार चारे की पौष्टिकता एवं स्वच्छ एवं श्रेष्ठ दूध उत्पादन संबंधी जानकारी देने के अलावा केन्द्र में निर्मित पशुओं के खनिज मिश्रण का भी वितरण किया गया।

केन्द्र के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ.काशी नाथ ने शिविर में लाए गए पशुओं की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पशुओं में खाज-खुजली (मेंज) एवं तिबरसा रोगों से ग्रसित ऊँटों का उपचार किया गया तथा भेड़ व बकरी आदि में अंन्त: एवं बाह्य परजीवी रोग नाशक दवा लगाई गई। साथ ही ऊँटों के 25 रक्त, 10 मींगणी व 3 दूध के नमूनें लिए गए। उरमूल सीमांत समिति बज्जू की ओर से मोतीलाल ने केन्द्र के इस कार्यक्रम में समन्वयक के रूप में महत्ती सहयोग प्रदान किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *