चाय की कैंटीन से राज्यसभा की उम्मीदवारी तक नवीन जैन का सफर
आगरा, 12 फ़रवरी। आगरा के पूर्व मेयर नवीन कुमार जैन को बीजेपी ने राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। नवीन जैन वर्ष 2017 में आगरा से मेयर रह चुके हैं। उन्हें ऑल इंडिया मेयर काउंसिल का अध्यक्ष भी चुना गया था। मेयर से लेकर राज्यसभा तक का सफर नवीन जैन के लिए आसान नहीं था। उन्होंने बहुत कम उम्र में कामयाबी की वह सीढ़ी चढ़ी है जो हर किसी के लिए आसान नहीं थी। एलआईसी ऑफिस में चाय की कैंटीन चलाने के बाद देश भर में हाईवे और एक्सप्रेस वे बनाने का काम आज नवीन जैन की पीएनसी कंपनी कर रही है।
नवीन जैन बताते हैं कि 12 वर्ष की उम्र में उनके पिता नेमीचंद जैन का स्वर्गवास हो गया था। उनके ताऊजी ने उनका साथ दिया। जीवनी मंडी के पास एलआईसी में उन्होंने एक कैंटीन की शुरूआत की थी। जिसमें उन्होंने चाय, कचौड़ी और मिठाईयां बेची थी। एक साल तक उन्होंने कैंटीन चलाई। इसके बाद वर्ष 1989 में नये काम की शुरुआत की। नवीन जैन ने बताया कि उनके चार भाई हैं। सभी ने मिलकर एक कंपनी बनाई और सड़क बनाने का काम शुरू किया। पहला काम उन्होंने एक करोड़ रुपये का किया था। इस काम में उन्हें कामयाबी मिलती चली गई।
अरबपति सूची में हैं पीएनसी
नवीन जैन समेत चार भाईयों की कंपनी पीएनसी वर्तमान में देश की लीडिंग कंपनियों में से एक है। उत्तर प्रदेश के अरबपतियों की सूची में नवीन जैन का नाम आता है। उनकी कंपनी देश भर में एक्सप्रेस वे और हाईवे बनाने का काम करती है। वर्तमान में पीएनसी कंपनी आंद्र प्रदेश, कर्नाटका, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों में एनएचएआई बनाने का काम कर रही है।
पार्षद से शुरू हुआ राजनैतिक सफर
नवीन जैन ने 1989 में बीजेपी से पार्षद का इलेक्शन लड़ा। वे चुनाव जीत गए और सदन ने उन्हें डिप्टी मेयर चुन लिया। इसके बाद वे ब्रजक्षेत्र के सह कोषाध्यक्ष बने। लोकसभा चुनाव में सासंद राम शंकर कठेरिया के चुनाव संयोजक बने। वर्ष 2017 में आगरा के मेयर चुने गए। इस दौरान उन्हें ऑल इंडिया मेयर काउंसिल का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। मेयर बनने के बाद उन्होंने आगरा को ‘नवीन आगरा ग्रीन आगरा’ का स्लोगन दिया।
क्या कहते हैं नवीन जैन
नवीन जैन का कहना है कि ये समय पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए स्वर्णिम काल है। बीजेपी से मिले इस सम्मान को वह कार्यकर्ता की जीत मानते हैं। वे कार्यकर्ताओं के लिए हर संभव कार्य करेंगे। पार्टी ने उन्हें वार्ड अध्यक्ष से लेकर उच्च सदन की जिम्मेदारी सौंपी है, जिस पर वे खरा उतरने का प्रयास करेंगे।