शाहबाज कैसे बने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री

बीकानेर, 3 मार्च। पाकिस्तान में शाहबाज शरीफ देश के 24वें प्रधानमंत्री बन गए हैं। उन्हें नेशनल असेंबली में 201 सांसदों का साथ मिला। पाकिस्तानी मीडिया ‘द डॉन’ के मुताबिक, PTI समर्थक उम्मीदवार उमर अयूब के लिए 92 सांसदों ने वोट किया। नेशनल असेंबली के स्पीकर अयाज सादिक ने नतीजों की घोषणा की।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद शाहबाज शरीफ ने नवाज और सभी सहयोगियों को उन पर भरोसा करने के लिए धन्यवाद कहा। हालांकि 1 घंटे के 24 मिनट के भाषण की शुरुआत में ही शाहबाज की जुबान फिसल गई। उन्होंने खुद को PM की जगह विपक्ष का नेता बता दिया।

mmtc
pop ronak

भाषण के दौरान शाहबाज ने कहा- इजराइल लगातार गाजा में बमबारी कर रहा है। वहीं कश्मीर में लोगों की हत्या हो रही है। फिलिस्तीनियों और कश्मीरियों पर जुल्म ढाए जा रहे हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय चुप्पी साधे हुए है। हम सबको साथ मिलकर कश्मीर और फिलिस्तीन की आजादी के लिए संसद में एक प्रस्ताव पास करना चाहिए।

khaosa image changed
CHHAJER GRAPHIS

शाहबाज बोले- नवाज ने ही देश को बनाया
इससे पहले शाहबाज ने कहा- जब मेरे भाई तीन बार प्रधानमंत्री चुने गए तो देश में जो विकास हुआ, वह अपने आप में एक मिसाल है। यह कहना गलत नहीं है कि नवाज शरीफ ही हैं, जिन्होंने पाकिस्तान को खड़ा किया है। दूसरी तरफ देश जुल्फिकार अली भुट्टो के बलिदानों को भी कभी भूला नहीं जा सकता।

शाहबाज शरीफ ने देश में आतंकवाद और उसकी जड़ों को खत्म करने की कसम खाई। उन्होंने कहा- PML-N और सहयोगी पार्टी एक पाकिस्तानी, मुस्लिम और इंसान के तौर पर अपनी भूमिका निभाएंगे। इस संसद में प्रतिभाशाली लोग बैठे हैं जो पाकिस्तान की नैया को पार लगा सकते हैं। इनमें पत्रकार, बुद्धिजीवी, राजनेता और धार्मिक नेता शामिल हैं।

शाहबाज बोले- पुरानी सरकार (इमरान) ने पूरे विपक्ष को जेल में डाला
शाहबाज ने कहा- मेरे बड़े भाई नवाज ने कभी भी देश को नुकसान पहुंचाने के बारे में नहीं सोचा है। उन्होंने पुरानी सत्ता (इमरान खान की सत्ता) का जिक्र करते हुए कहा- उन्होंने पूरे विपक्ष को सलाखों के पीछे डाल दिया, उन्हें महिलाओं या बच्चों की परवाह नहीं थी।

PM शरीफ ने आगे कहा- इस नेतृत्व और उस नेतृत्व में यही अंतर है। पूरी सभा इस बात की गवाह है कि हमने बदले की राजनीति के बारे में कभी नहीं सोचा। हमारी सत्ता में कभी कोई इमारत तबाह नहीं हुई। हालांकि यह शर्मनाक है कि देश ने वह दिन देखा जब 9 मई को सेना के हेडक्वार्टर और सरकारी इमारतों पर हमला किया गया।

PM शाहबाज के संबोधन की बड़ी बातें…

पाकिस्तान ऋण संकट का सामना कर रहा है, यहां नेशनल असेंबली के खर्चों का भुगतान भी पैसे उधार लेकर किया जा रहा है।  हम व्यवस्था में बदलाव लाने और बुनियादी सुधार करने के लिए फैसले लेंगे। मुझे इसमें कोई शक नहीं है कि नवाज शरीफ, आसिफ अली जरदारी और अन्य इस बात से सहमत होंगे कि या तो हम कर्ज से छुटकारा पा सकते हैं या फिर हम शर्म से सिर झुका कर आगे बढ़ सकते हैं। ऐसा नहीं होगा कि हम कर्ज के साथ आगे बढ़ें। हम खर्च उठाएंगे और पाकिस्तान को आत्मनिर्भर बनाएंगे।
हमारी सरकार में रोजगार बढ़ेगा, तरक्की होगी, इसके लिए हम जान लगा देंगे। बिजली और टैक्स चोरी पाकिस्तान के लिए जीवन और मृत्यु का सवाल है। ईश्वर की इच्छा से हम इस कैंसर को जड़ से खत्म कर देंगे और देश को अपने पैरों पर खड़ा कर देंगे। हम ऐसी टेक्नोलॉजी लाएंगे जिससे टैक्स चोरी से बचा जा सके। हमारी सरकार 5 लाख युवा छात्रों को टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी स्पेशल ट्रेनिंग देगी। ये युवा छात्र नौकरी लेंगे नहीं, बल्कि नौकरी देंगे। 9 मई के दंगों के अपराधियों को माफ नहीं किया जाएगा। इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। चीन हमारा सदाबहार दोस्त है। हमें उनके साथ मिलकर CPEC को आगे बढ़ाना है। हमारी सरकार कड़ी मेहनत करेगी और 2030 तक देश को G20 संगठन का सदस्य बनाएगी।
शाहबाज दूसरी बार बने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री
यह दूसरी बार है, जब शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के PM चुने गए हैं। इससे पहले साल 2022 में इमरान खान की सरकार गिरने के बाद शाहबाज शरीफ देश के प्रधानमंत्री बने थे। रविवार को संसद का सत्र शुरू होते ही PTI समर्थक सांसद इमरान खान के पक्ष में ‘आजादी’ और ‘कैदी नंबर 804’ के नारे लगाते नजर आए। इसके जवाब में PML-N के सांसदों ने ‘लॉन्ग लिव नवाज’ के नारे लगाए।

8 फरवरी को चुनाव के बाद नवाज शरीफ की PML-N और बिलावल भुट्‌टो की PPP पार्टी ने बहुमत हासिल करने के लिए गठबंधन किया। इस गठबंधन ने नवाज के छोटे भाई और पूर्व प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को PM पद का उम्मीदवार घोषित किया था।

पाकिस्तान की संसद में कैसे चुना जाता है प्रधानमंत्री
नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री के चुनाव से एक दिन पहले उम्मीदवार नामांकन फॉर्म भरते हैं। चुनाव वाले दिन स्पीकर 5 मिनट तक घंटी बजाने का आदेश देते हैं। इसका मकसद सभी सांसदों को चुनाव की जानकारी देना होता है।

चुनाव शुरू होते ही नेशनल असेंबली के दरवाजे बंद हो जाते हैं। कोई भी शख्स सदन के अंदर या बाहर नहीं जा सकता। इसके बाद ओपन वोट के जरिए PM का चुनाव होता है। उदाहरण के तौर पर- अगर PM पद के लिए 2 उम्मीदवार हैं, तो स्पीकर निर्देश देंगे कि जो भी सांसद पहले उम्मीदवार को वोट दे रहे हैं वो संसद के एक हिस्से (लॉबी) में चले जाएं।

वहीं जो दूसरे उम्मीदवार के पक्ष में हैं, वो दूसरी लॉबी में जाएं। इन लॉबी के बाहर असेंबली सेक्रेटेरिएट का एक सदस्य मौजूद होता है। वो हर सांसद का नाम रजिस्टर करता है। पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक, सांसदों को उसी उम्मीदवार को वोट देना होता है, जिसका समर्थन उनकी पार्टी कर रही है।

सभी सांसदों के लॉबी में जाने के बाद स्पीकर उन्हें वापस बुलाकर नतीजों की घोषणा करते हैं। पाकिस्तान में PM चुने जाने के लिए उम्मीदवार के पास 336 में से 169 सांसदों के वोट होना जरूरी होता है।

पाकिस्तान के आम चुनावों में धर्म के आधार पर भेदभाव के बिना कोई भी शख्स चुनाव लड़ सकता है। हालांकि सिर्फ एक मुस्लिम सांसद ही पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बन सकता है।

भारत से कैसे अलग है पाकिस्तान में PM चुनाव की प्रक्रिया
पाकिस्तान में आम चुनावों के बाद संसद में प्रधानमंत्री पद के लिए अलग से चुनाव होता है। हालांकि भारत में ऐसा नहीं है। यहां आम चुनाव में जनता लोकसभा के लिए सांसदों को चुनती है।

इन चुनावों में जिस पार्टी को बहुमत हासिल होता है, वो अपने संसदीय दल का नेता चुनती है, जो देश का प्रधानमंत्री बनता है। प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद सरकार बनाने के लिए नए PM को संसद में बहुमत साबित करना होता है। भारत के प्रधानमंत्री के लिए लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य होना जरूरी होता है।

आम चुनाव के 24 दिन बाद चुना गया पाकिस्तान में प्रधानमंत्री
बता दें कि पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए थे। 11 फरवरी को 67 घंटों के बाद सभी सीटों के नतीजे घोषित हुए। इसमें किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। हालांकि इमरान समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवारों ने सबसे ज्यादा 93 सीटें जीतीं।

इसके बाद 29 फरवरी को नेशनल असेंबली का पहला सत्र बुलाया गया। सभी सांसदों ने पद की शपथ ली। इसके बाद 1 मार्च को नेशनल असेंबली में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव हुए। दोनों में PML-N समर्थन वाले उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की।

प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद अब 9 मार्च को पाकिस्तान में राष्ट्रपति पद के चुनाव होंगे। PML-N और PPP ने मिलकर आसिफ अली जरदारी को उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं इमरान समर्थक SIC ने महमूद खान अचकजई को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है।

bhikharam chandmal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *