वर्तमान में पथभ्रष्ट हो रही संतानों के लिए उनके पेरेंट्स को मां सुनीति से सीखना चाहिए : साध्वी सोमा

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श्री हरि कथा का दूसरा दिन संपन्न

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बीकानेर , 13 अप्रैल । दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा जस्सूसर गेट के बाहर स्थित महेश्वरी सदन में आयोजित की जा रही पांच दिवसीय श्री हरि कथा के दूसरे दिन कथा व्यास साध्वी सुश्री सोमा भारती जी ने नन्हें भक्त ध्रुव की गाथा को सुनाकर समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया।

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उन्होंने कहा कि माता सुनीति ने भक्त ध्रुव को उच्च संस्कारों की शिक्षा दी और उत्कृष्ट दिशा दिखाई। वर्तमान में हमारी पथभ्रष्ट हो रही संतानों के लिए उनके पेरेंट्स को भी मां सुनीति से बहुत सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के माता-पिता किसी पूर्ण सतगुरु के सानिध्य में जाकर स्वयं जीवन की कला को सीख लें तो वह सुंदर नीति से अपने संतानों को भी संस्कारवान बना सकते हैं।

साध्वी सोमा ने कहा कि भारत देश में नारी हमेशा पूजनीय रही है। आदिकाल से हमारे देश में नारियों की पूजा होती आई है, क्योंकि भारतीय नारी स्वयं अध्यात्म के पद पर चलकर समाज को दिशा दिखाती रही है। माता सुनीति ने एक बालक में भक्ति के विचारोपण कर एक तो अपने परिवार में कलह को रोक दिया, दूसरा एक भक्त को जन्म दिया जो आज भी बालकों, युवाओं और वृद्धों को दिशा दिखा रहा है। तीसरा एक आध्यात्मिक राजा को जन्म दिया, इतिहास बताता है कि ध्रुव भक्त ने एक अच्छा शासक बनकर शासन भी किया और प्रजा को सुख प्रदान किया।

उपस्थित दर्शकों से साध्वी जी ने कहा कि आप सभी भी एक तत्ववेता गुरु के माध्यम से अध्यात्म को जानें और अपने अंतःकरण में प्रभु की अनुभूति करें। इस मौके पर सुमधुर भजन एवं चौपाइयां सुनकर उपस्थित श्रद्धालु झूमने पर मजबूर हो गए। संस्थान के प्रचारक स्वामी प्रेम प्रकाशानंद ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारम डॉ. श्याम अग्रवाल ने ज्योति प्रज्वलित कर किया। उनके साथ जुगल किशोर बिहानी मनोज कुमार चांडक, मोतीलाल बिहानी, रामकुमार अग्रवाल, नंदकिशोर अग्रवाल, राधेश्याम राठी इत्यादि भी उपस्थित रहे।

 

स्व. श्रीमती भंवरी देवी नाहर

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