अरविंद मिढा बने राष्ट्रीय पंजाबी महासभा की राजस्थान के अध्यक्ष
राष्ट्रीय पंजाबी महासभा के लिए समाज और देश हित सर्वोपरि -अशोक मेहता
बीकानेर, 15 जनवरी। राष्ट्रीय पंजाबी महासभा के नेशनल प्रेसिडेंट श्री अशोक मेहता ने कहा कि समाज और देश हित राष्ट्रीय पंजाबी महासभा के लिए सर्वोपरि हैं। महासभा पंजाबी समाज को संगठित करने और सामाजिक धार्मिक एवं राजनीतिक तौर पर मजबूती प्रदान करने के लिए कार्यरत है। देश के विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय पंजाबी महासभा की प्रदेश और जिला इकाइयां बड़ी मजबूती के साथ समाज को संगठित करने का काम कर रही है। श्री अशोक मेहता ने बुधवार को यह बात बीकानेर के चिराग होटल में आयोजित राष्ट्रीय पंजाबी महासभा की राजस्थान इकाई के महासम्मेलन को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए कही।
इस महासम्मेलन के दौरान सर्वसम्मति से राष्ट्रीय पंजाबी महासभा की राजस्थान इकाई के संयोजक अरविंद मिढा को महासभा की राजस्थान इकाई का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। इसके साथ ही अरविंद मिढा को राजस्थान में महासभा के प्रदेश कार्यकारिणी और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति का भी अधिकार दिया गया है। समारोह में पहुंचने पर बीकानेर के जिला अध्यक्ष गोविंद ग्रोवर ने अशोक मेहता का भव्य स्वागत किया।
अपने संबोधन में महासभा के नेशनल प्रेसिडेंट अशोक मेहता ने कहा कि पंजाब केसरी ग्रुप के चेयरमैन एवं महासभा के मुख्य संरक्षक पदमश्री विजय चोपड़ा जी के कुशल मार्गदर्शन में राष्ट्रीय पंजाबी महासभा द्वारा न केवल पंजाबी समाज को संगठित करके विभिन्न क्षेत्रों में मजबूती प्रदान की जा रही है, बल्कि राष्ट्रीय, प्रदेश एवं जिला इकाइयों के माध्यम से समाज सेवा के कई प्रकल्प भी चलाए जा रहे हैं। महासभा द्वारा देश के विभिन्न भागों में स्वर्गीय श्रीमती स्वदेश चोपड़ा जी फैशन डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट एवं वोकेशनल इंस्टिट्यूट के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक तौर पर अपने पैरों पर खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि यह महिलाएं स्वावलंबी बनें और स्वाभिमान के साथ समाज में अपना जीवन यापन कर सकें। इन संस्थानों में प्रशिक्षण लेकर बहुत सी महिलाएं न केवल स्वयं की आजीविका कमा रही हैं, बल्कि दूसरी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं।
अशोक मेहता ने राजस्थान इकाई से आशा व्यक्त की कि जिस प्रकार अन्य राज्यों में समाज सेवा के प्रकल्प चल रहे हैं, निकट भविष्य में राजस्थान में भी इस तरह की मुहिम देखने को मिलेगी। उन्होंने यह भी आह्वान किया कि पंजाबी समुदाय से जुड़े लोग अपने घर परिवार में पंजाबी सभ्यता एवं संस्कृति के उत्थान पर जोर दें और अपने बच्चों को इस समृद्ध संस्कृति के साथ जोड़ें। उन्होंने कहा कि महान सिख गुरुओं की बात करें, आजादी के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों की बात करें या देश विभाजन के दौरान वर्तमान पाकिस्तान में अपना सब कुछ छोड़कर खाली हाथ भारत आकर अपनी मेहनत के दम पर विभिन्न क्षेत्रों में सफलता का डंका बजाने वाले अनेक महापुरुषों की बात करें तो हम आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं की पंजाबी समुदाय का इतिहास कितना समृद्ध है। हमें पूरे गर्व और गौरव के साथ अपने बच्चों को इस इतिहास से रुबरु करवाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस इन महापुरुषों की कुर्बानियां और उपलब्धियां पर गर्व महसूस कर सकें।
अशोक मेहता ने राष्ट्रीय पंजाबी महासभा की राजस्थान इकाई के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री अरविंद मिढा को उनकी नियुक्ति पर शुभकामनाएं देते हुए निर्देश दिए कि वे आगामी तीन महीने में राजस्थान का दौरा करके न केवल पंजाबी समाज से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत उत्साही लोगों को प्रदेश कार्यकारिणी में जगह दें, बल्कि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति करके जिला इकाइयों के गठन में भी सक्रिय भूमिका अदा करें।
इस अवसर पर अरविंद मिढा ने कहा कि राष्ट्रीय पंजाबी महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राजस्थान इकाई ने उन पर जो विश्वास जताया है, वह पूरे निष्ठा और ईमानदारी के साथ इस जिम्मेवारी को निभाने का पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि आगामी 3 महीने में प्रदेश कार्यकारिणी और जिला इकाइयों के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके साथ ही महासभा की राजस्थान इकाई द्वारा समाज सेवा के विभिन्न प्रकल्प शुरू किए जाएंगे और राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा जो भी निर्देश प्राप्त होंगे, उनका पूरी निष्ठा से पालन किया जाएगा। उन्होंने राजस्थान के पंजाबी समुदाय से भी सहयोग की अपील की, ताकि समाज और देश के हित में राष्ट्रीय पंजाबी महासभा द्वारा शुरू की गई मुहिम को मजबूती प्रदान की जा सके। अंत में राष्ट्रीय पंजाबी महासभा की राजस्थान इकाई के महासचिव प्रेम खत्री ने अशोक मेहता एवं अन्य अतिथियों का धन्यवाद किया।
शहीदी स्मारक स्थापित करे सरकार : मेहता
राष्ट्रीय पंजाबी महासभा के नेशनल प्रेसिडेंट श्री अशोक मेहता ने केंद्र सरकार से मांग की कि वर्ष 1947 में भारत-पाक विभाजन के दौरान अपने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को सम्मान देने के उद्देश्य से कुरुक्षेत्र में शहीदी स्मारक की स्थापना की जाए। इसके साथ ही सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे अपने राज्यों में पंजाबी वेलफेयर बोर्ड स्थापित कर देश की उन्नति में अमूल्य योगदान देने वाले इस समुदाय को सम्मान दें।
na