सेवा सदन में बच्चों का समता संस्कार शिविर

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
  • क्रोध पर नियंत्रण करें तथा सत्य को जीवन में अपनाएं-राकेश मुनि

बीकानेर, 28 जनवरी। श्री साधुमार्गी जैन संघ त्रिवेणी (बीकानेर, गंगाशहर व भीनासर) के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को छबीली घाटी के सेवा सदन में एक दिवसीय समता संस्कार शिविर राकेश मुनि व साध्वी वृंद के सानिध्य में आयोजित किया गया। शिविर में विभिन्न गच्छ व समुदाय के करीब 160 बालक-बालिकाओं ने हिस्सा लिया तथा जैन धर्म के मर्म को बारीकी से जाना व सामयिक आदि धार्मिक क्रियाओं का अभ्यास किया। लक्की ड्रा निकाला गया। मुनि व साध्वी वृंद ने भोजन व अन्य दैनिक कार्य करते समय मोबाइल का उपयोग नहीं करने प्रत्याख्यान दिलाया ।
साधुमार्गी जैन संघ के आचार्य श्री रामलाल जी म.सा 50 वें दीक्षा वर्ष पर समूचे हिन्दुस्तान में महतम महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। जिसके तहत व्रत विवेक प्रवृति में बच्चों को साधु भिक्षा चर्या के बारे में शिविरों के माध्यम से जानकारी दी जा रही है। आगामी एक दिवसीय बाल संस्कार व समता शिविर 18 फरवरी 24 को भीनासर के बांठिया भवन में आयोजित किया जएगा।

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शिविर में राकेश मुनि म.सा. ने ’’तं सच्चं खु भगवं’’ संस्कृत वाक्य के अंश को सुनाते हुए कहा कि सत्य ही भगवान है। हमें भगवान पर विश्वास है वैसे ही हमें सत्य को विश्वास पूर्वक जीवन का अभिन्न अंग बनाना होगा। जीवन में अनेक बाधाओं के आने पर भी सत्य को नहीं छोड़ना है। सत्य बोलने वाला निर्भयता से जीवन में आगे बढता है । सत्य का सहारा लेकर हम अपने कर्म बंधन को तोड़कर सच्चे जैन कहलाने के हकदार होंगे।

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आयोजन से जुड़े नवीन कोठारी ने बताया कि विभिन्न सत्रों में चले शिविर में साध्वी मणि प्रभाश्रीजी, ऋजुताश्रीजी,साध्वी मुस्कानश्रीजी, साध्वीश्री गुंजनश्रीजी व लवियशाश्रीजी ने उदाहरणों के माध्यम से बच्चों को काम,क्रोध, लोभ व मोह आदि कषायों से बचने के उपाय बताएं। उन्होंने बाल्यकाल में ही क्रोध को जीतकर समता को धारण करने का अभ्यास करने की सलाह दी। क्रोध व आवेश से हमारा स्वास्थ्य ही नहीं मन, व भव बिगड़ जाता है।

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गौ भद्र नाम के एक आचार्य ने क्रोध पर नियंत्रण नहीं कर एक भव में तिर्यंच के रूप में चंडकौशिक सर्प के रूप में जन्म लिया। उस सर्प को तीर्थंकर भगवान महावीर बोध देकर पापों से मुक्त किया। इस कलयुग में बोध देने के लिए भगवान महावीर जैसे महापुरुष मिलेंगे इस बात की गारंटी नहीं है। इसलिए हमें क्रोध पर नियंत्रण करने उससे बचने का प्रयास करना चाहिए।

शिविर में बाल कलाकार खुशी नाहटा, गर्विता नाहटा, आर्यन भूरा, अविरल भूरा, गर्वित रामपुरिया, हार्दिक पुगलिया, कशिश सुराणा व गरिमा जैन ने नाट्य मंचन द्वारा सत्य के विभिन्न पहलुओं से साक्षात्कार करवाया। शिविर में लक्की ड्रा द्वारा तीर्थं दफ्तरी, प्रियांस कोचर, कशिश सुराणा, तनिष्क सांड, काव्या सोनावत विजेता रहे।

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