अवैधानिक कृत्यों में लिप्त शिक्षण संस्थाओं एवं कोचिंग संस्थानों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए प्राईवेट स्कूल्स संचालक हुए लामबंद

  • कोचिंग्स और स्कूल्स के स्टूडेंट्स के साथ हो रहे भेदभाव को तुरंत किया जाए बंद : पैपा

बीकानेर, 7 जून। शिक्षा विभाग द्वारा जिस तरह से सरकारी और प्राईवेट शिक्षण संस्थाओं को नियंत्रित किया जाता है, उसी तरह से कोचिंग एक्ट की पालना हेतु कोचिंग संस्थान भी नियंत्रित किए जाने चाहिए।

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आनंद निकेतन में प्राईवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस (पैपा) द्वारा स्वच्छ शिक्षा क्रांति मिशन को लेकर आयोजित एक महत्वपूर्ण मिटिंग में पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि एक अभिभावक को अपने बच्चों को मई जून में स्कूल भेजने में गर्मी के कारण दिक्कत होती है लेकिन उसी अभिभावक को अपने बच्चों को मई जून में कोचिंग भेजते हुए किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती और न ही उसके बच्चों को गर्मी लगती है।

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जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और मीडिया को भी गर्मी के दौरान कोचिंग संस्थानों में बच्चों के जाने पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन स्कूल्स के लिए तरह तरह की बंदिशें लगा रखी हैं।

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इस अवसर पर स्वच्छ शिक्षा क्रांति मिशन के बारे में खैरीवाल ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस मिशन के माध्यम से कोचिंग की आड़ में चल रहे अवैधानिक स्कूल्स, बिना मान्यता चल रहे स्कूल्स, प्राप्त मान्यता स्तर से उच्च कक्षाओं का संचालन करने वाले स्कूल्स, बगैर मान्यता अतिरिक्त माध्यम का संचालन करने वाले स्कूल्स, डमी प्रवेश देने वाले स्कूल्स सहित किसी भी तरह की अवैधानिक गतिविधियों में संलिप्त शिक्षण संस्थाओं के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई हेतु शिक्षा विभाग को जागरुक किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस संबंध एक जागरूकता पेंपलेट का प्रकाशन कर अभिभावकों को भी जागरूक किया जाना प्रस्तावित है। मिटिंग में उपस्थित सभी संभागियों ने एक सूत्र में सहमति जताते हुए शीघ्र ही इस संबंध में यथोचित कार्यवाही हेतु स्वीकृति प्रदान की। बंशीलाल भाटी ने मिटिंग की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आज स्कूल्स का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है और इसे हम एकजुटता के बल पर ही बचा सकेंगे।

खैरीवाल ने कहा कि हमें बुद्धि के कौशल से अपना संघर्ष सरकार, शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन एवं अवैधानिक कृत्यों में लिप्त संस्था संचालकों से करना होगा। अशोक कुमार उपाध्याय ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि दूषित हो चुकी शिक्षा को हमें स्वच्छ शिक्षा क्रांति मिशन के माध्यम से पुनीत करना होगा। इसके बिगड़े हुए स्वरूप को सुधारने की आज महती आवश्यकता है।

लगभग 2 घंटे चली इस मिटिंग में प्रभुदयाल गहलोत, लोकेश कुमार मोदी, सौरभ बजाज, बजरंग लाल प्रजापत, रमेश बालेचा, सौरभ अग्रवाल, कृष्ण कुमार स्वामी, मनोज बिहानी, डॉ. अभय सिंह टाक, चरण सिंह चौधरी, शिव कुमार शर्मा, अभिजित व्यास, सुमित कुमार स्वामी, मनोज व्यास, संतोष कुमार रंगा, मुकेश कुमार पांडेय, महेश कुमार व्यास, उमानाराम प्रजापत, रघुनाथ बेनीवाल, राकेश कुमार जोशी, बृज भूषण शर्मा, किशन चंद्र अनेजा, विश्वजीत गौड़ एवं केवलचंद भूरा इत्यादि ने इस मिशन को सफल बनाने में हर संभव सहयोग हेतु प्रतिबद्धता जताई।

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