शिक्षा अधिकारियों और साहित्यकारों ने किया बाल उपवन का विमोचन


बीकानेर , 11 फ़रवरी। प्रार्थना सभा किसी भी विद्यालय का आईना कहा जाए तो गलत नहीं होगा क्योंकि विद्यार्थियों की अभिव्यक्ति विशेष रूप से प्रार्थना सभा में ही देखने को मिलती है । प्रार्थना सभा अगर रचनात्मक ढंग से आयोजित की जाए तो विद्यार्थी के जीवन में उसका सकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है । यह कहना था मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी बीकानेर महेंद्र कुमार शर्मा का जो नदीम अहमद नदीम द्वारा संपादित बाल उपवन के विमोचन कार्यक्रम में विचार व्यक्त कर रहे थे ।




जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक बीकानेर सुनील बोड़ा ने बाल उपवन को विद्यालयों के लिए उपयोगी बताते हुए कहा की बाल उपवन की सभी रचनाएं बहुत मेहनत और दूरदर्शिता के साथ संकलित की गई है । सुनील बोड़ा ने कहा कि नई पीढ़ी के चरित्र निर्माण करने वाला उत्कृष्ट साहित्य बहुत करीने से बाल उपवन में संकलित किया गया है । उप निदेशक , शिक्षा निदेशालय बीकानेर डॉ राम गोपाल शर्मा ने कहा की बाल उपवन में विविध प्रकार की उपयोगी सामग्री समाज में नैतिकता और मान्यता के संरक्षण के प्रभावी प्रयास तथा अन्य बहुत सारी विशिष्टताएं इस बाल उपवन में एक पाठक को उपलब्ध होती है यह किसी एक संकलन में दुर्लभ है ।


वरिष्ठ रंगकर्मी और नाट्य लेखक विजय कुमार शर्मा ने कहा कि बाल उपवन एक ऐसा बहु उपयोगी संकलन है जो सभी विद्यालयों और शिक्षकों के पास में होना चाहिए क्योंकि इस संकलन में जो सामग्री संकलित की गई है वह अन्य संकलन में एक साथ मिलना लगभग असंभव है । वरिष्ठ पत्रकार अनुराग हर्ष ने इस अवसर पर कहा कि बाल उपवन के संपादक चूंकि खुद शिक्षक है तो बाल मनोविज्ञान को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं अतः निश्चित ही इस संकलन की उपयोगिता समझी जा सकती है ।
युवा साहित्यकार अरमान नदीम ने कहा कि बाल उपवन की सभी रचनाओं को पढ़कर यह महसूस होता है कि रचनाओं के संकलन एवं संपादन में बाल मनोविज्ञान के सभी पहलुओं को दृष्टिगत रखा गया है। बाल उपवन के संपादक नदीम अहमद नदीम ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि किसी भी विद्यालय को समग्र रूप से जानना हो तो प्रार्थना सभा में शामिल होकर अंदाज लगाया जा सकता है कि विद्यालय किस प्रकार संचालित हो रहा है। इसी तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए बाल उपवन की परिकल्पना को साकार करने का प्रयास किया गया है।
नदीम अहमद नदीम ने कहा कि संकलन में गुरु जंभेश्वर भगवान, सावित्रीबाई फुले की सहयोगी फातिमा शेख पर जानकारी, बादशाह हुसैन राना द्वारा रचित नज़्म रामायण, पुस्तकालय से संबंधित जानकारी और बाल नाटक इस संकलन को पूर्णता प्रदान करते हैं । कार्यक्रम का संचालन अरमान नदीम ने किया ।