मुनिश्री चैतन्य कुमार जी “अमन” का मंगल भावना समारोह मनाया

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बीकानेर \ गंगाशहर ,10 मार्च। (तेरापंथ भवन)। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, गंगाशहर द्वारा मुनि श्री चैतन्य कुमार जी “अमन” के मंगल विहार से पूर्व उनके विदाई समारोह का आयोजन मंगल भावना समारोह के रूप में किया गया।

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इस अवसर पर मुनि श्री श्रेयांश कुमार जी ने कहा कि मुनिश्री चैतन्य कुमार जी का लगभग 1 वर्ष पूर्व गंगाशहर प्रवास हुआ। आपका चातुर्मास भीनासर में हुआ, परंतु शेषकाल का प्रवास गंगाशहर में ही हुआ। मुनि श्री पुरुषार्थी हैं तथा आपकी सेवा भावना उल्लेखनीय है। उन्होंने मंगल भावना गीत का संगान किया।

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मुनिश्री चैतन्य कुमार जी “अमन” ने अपने उद्बोधन में कहा कि साधुओं के लिए विहार चर्या को प्रशस्त माना गया है। जैन परंपरा के अनुसार साधु नवकल्पी विहारी होता है। उन्होंने कहा कि गंगाशहर ऐसा क्षेत्र है जहां चार तीर्थ के रूप में साधु, साध्वी, श्रावक, श्राविका विद्यमान है। धर्म संघ के प्रति श्रावक श्राविकाओं की भावना अपूर्व है।

मुनि श्री विमल विहारी जी ने अपने प्रसंग सुनाते हुए मुनिश्री के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। मुनिश्री प्रबोध कुमार जी ने कहा कि नय दो प्रकार की होती है। निश्चय नय की दृष्टि से साधु के लिए स्वागत-मंगल भावना की अपेक्षा नहीं है। व्यवहार नय की दृष्टि से दोनों की अपेक्षा है। दोनों का समन्वय जरूरी है। निश्चय नय के निर्वाह के साथ-साथ व्यवहार नय को भी गौण नहीं किया जा सकता।

मुनिश्री चैतन्य कुमार जी का विदाई समारोह में उपस्थित तेरापंथ समाज गंगाशहर

कार्यक्रम का शुभारंभ चैनरूप छाजेड़ ने मंगलाचरण से किया। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अमरचंद सोनी, तेरापंथ न्यास के ट्रस्टी जैन लूणकरण छाजेड़, महिला मंडल अध्यक्ष संजू लालाणी, युवक परिषद अध्यक्ष अरुण नाहटा, अणुव्रत समिति अध्यक्ष भंवरलाल सेठिया, ज्ञानशाला ज्ञानार्थी जयेश छाजेड़, वरिष्ठ उपासक निर्मल नौलखा, प्रकाश बाफना, निर्मल बैद ने मुनिश्री की मंगल भावना में अपने विचारों की प्रस्तुति देते हुए कहा कि तेरापंथ में आचार्य श्री की आज्ञा ही सर्वोपरी है। मुनिश्री चैतन्य कुमार जी का विहार गुरु आज्ञा की पालना है। आचार्य श्री तुलसी की निर्वाण भूमि से आचार्यश्री भिक्षु की निर्वाण भूमि तक की इस यात्रा के लिए वक्ताओं ने शुभकामना की।

कार्यक्रम का सफल संचालन तेरापंथी सभा के मंत्री रतनलाल छलाणी ने किया। उन्होंने बताया कि मुनिश्री का दिनांक 11 मार्च 2024 को प्रातः 8:15 बजे तेरापंथ भवन से मंगल विहार होगा। वहां से मुनिश्री तेरापंथ भवन भीनासर पधारेंगे। आगे देशनोक, नोखा, नागौर होते हुए सिरियारी में प्रवास करेंगे।

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