GST Return में बदल गए ये नियम-रिटर्न फाइल नहीं कर पाने वालों को बड़ी राहत
नयी दिल्ली , 18 दिसम्बर। वित्त मंत्रालय ने जीएसटी रिटर्न भरने वाले छोटे कारोबारियों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए उन्हें जीएसटीआर-9 भरने से छूट दे दी है. यह फॉर्म 2 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे बिजनेसमैन को भरना पड़ता है इसमें उन्हें सालाना रिटर्न दाखिल करना पड़ता था. अब छोटे व्यापारियों को यह फार्म भरने से मुक्ति मिल गई है.
GST Return Filing Rules Changed For Small Taxpayers : बता दें कि GST Return भरने का एक नियम बदल गया है। छोटे दुकानदारों को मोदी सरकार( Modi government ) ने नए साल का तोहफा दिया है। यह तोहफा 2 करोड़ रुपये तक का टैक्स भरने वालों के लिए है। वित्त मंत्रालय( Finance Ministry ) ने नियम बदलने की जानकारी अपने आधिकारिक X अकाउंट पर शेयर करके दी।
कोविड-19 महामारी से पहले तक की अवधि में गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) रिटर्न फाइल नहीं कर पाने वालों को बड़ी राहत मिली है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जुलाई 2017 से जनवरी 2020 तक की अवधि में जिन्होंने जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं किया है और जिन पर कोई टैक्स बकाया नहीं है, उन्हें अब रिटर्न फाइल करने पर कोई लेट फीस नहीं देनी होगी।
वित्त मंत्रालय ने इस नये फैसले के रेफरेंस के लिए नोटिफिकेशन नंबर 32/2023-CT को आधार बनाया है, जो मंत्रालय की ओर से 31 जनवरी 2023 को रिलीज किया गया था।
आदेश के अनुसार, अब 2 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे दुकानदारों को GSTR-9 भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह फॉर्म एनुअल GST रिटर्न भरने के लिए दाखिल किया जाता है, लेकिन अब यह फार्म भरना जरूरी नहीं होगा। ज्यादा जानकारी के लिए ट्वीट देखें…
GST Return भरने वालों की संख्या बढ़ी-
वित्त मंत्रालय ने एक और ट्वीट करके जानकारी दी कि पिछले 5 साल में देश में GST Return भरने वालों की संख्या बढ़ी है। करीब 65 प्रतिशत लोग अब देश में माल एवं सेवा कर (GST) रिटर्न भरते हैं। अप्रैल 2023 तक GST Return दाखिल करने वालों की संख्या 1.13 करोड़ हो गई। GST रजिस्ट्रेशन करने वाले लोगों की संख्या भी बढ़कर 1.40 करोड़ हो गई है, जो अप्रैल 2018 में 1.06 करोड़ थी।
चालू वित्त वर्ष में 90 प्रतिशत GST रजिस्टर्ड GSTR-3B रिटर्न दाखिल कर रहे हैं। यह आंकड़ा GST लागू होने के पहले वर्ष 2017-18 में 68 प्रतिशत था। देश में माल एवं सेवा कर (GST) जुलाई 2017 में लागू हुआ था। इसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट जैसे लोकल टैक्स शामिल किए गए थे।
18% से घटकर 9% हुई ब्याज दर
5 करोड़ रुपये के कुल टर्नओवर वाले छोटे करदाता जो फरवरी, मार्च और अप्रैल 2020 के जीएसटी रिटर्न्स 6 जुलाई तक नहीं भरेंगे, उन्हें सालाना 9% ब्याज दर के साथ सितंबर तक रिटर्न भरने की छूट होगी। पहले बकाया टैक्स पर सालाना ब्याज दर 18% तय थी। ऐसे टैक्सपेयर्स को उस हालत में लेट फीस और ब्याज नहीं भरना होगा जो इस वर्ष मई, जून और जुलाई के महीनों में आपूर्ति प्रभावित होने के कारण सितंबर तक जीएसटीआर- 3बी भर देंगे।
जुलाई में राज्यों के मुआवाजे पर चर्चा
सीतारमण ने कहा कि सभी मंत्रियों के आग्रह पर जुलाई महीने में सिर्फ एक अजेंडा- कंपेसेशन सेस पर चर्चा के लिए मीटिंग बुलाई जाएगी। यह राज्यों को दिया जाने वाला कंपेनसेशन है। उन्होंने कहा कि अगर राज्यों को मुआवजा देना पड़ा तो यह किसी ना किसी तरह से कर्ज हो जाएगा। उन्होंने सवाल किया कि इसे कैसे और कौन चुकाएगा।