पंचकल्याणक पूजा के साथ भगवान पार्श्वनाथ जन्म कल्याणक महोत्सव आयोजित हुआ
बीकानेर, 6 जनवरीं। भीनासर के भगवान पार्श्वनाथ मंदिर में सकलश्री संघ के सहयोग से कोचर मंदिरात व पंचायती ट्रस्ट के तत्वावधान में भगवान पार्श्वनाथ जन्म कल्याणक महोत्सव पंचकल्याणक पूजा के साथ आयोजित किया गया। सर्दी के बावजूद बीकानेर,गंगाशहर, भीनासर व उदयरामसर आदि स्थानों के हजारों श्रावक -श्राविकाओं ने मंदिर में दर्शन किए तथा पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण किया।
कोचर मंदिरात व पंचायती ट्रस्ट के अध्यक्ष किशोर कोचर ने बताया कि सुबह साढ़े नौ बजे से करीब एक बजे तक चली भक्ति संगीत के साथ पूजा में जैनाचार्य विजय वल्लभ सूरिश्वर द्वारा रचित दोहों, सोरठों व राग आसावरी, मालकोष, भैरवी आदि में भगवान के चव्यन, जन्म, दीक्षा,केवल्यज्ञान व निर्वाण से संबंधित प्रसंगों को प्रस्तुत किया गया। पूजा में जीतू कोचर, जयंती लाल कोचर, विमल कोचर, कल्याण कोचर, विनोद सेठिया, राजू कोचर, विचक्षण महिला मंडल ने भक्ति गीतों की प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम के बीच में विनोद सेठिया, अरिहंत नाहटा, राहुल बांठिया व पप्पूजी बांठिया ने भजन प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम में श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष अजीत मल खजांची, अशोक पारख, जैन पाठशाला सभा के अध्यक्ष विजय कोचर, वरिष्ठ श्रावक गणेश बोथरा, विजय बांठिया, डॉ.धनपत कोचर, जैन महासभा के जतन दुगड़, ऋषभ सेठिया आदि गणमान्य श्रावक-श्राविकाएं शामिल हुए। करीब 1200 वर्ष प्राचीन प्रतिमा के विशेष अंगी रचना की गई। मंगल आरती व मंगल दीपक का लाभ मोहन लाल, विजय सेठिया नाना परिवार ने तथा सुभाष बैद परिवार ने लिया।
जैन महासभा महिला मंडल ने जाप किया
जैन महासभा महिला मंडल द्वारा गौड़ी पार्श्वनाथ मन्दिर में प्रातः 9 बजे से सायं 4 बजे तक सामूहिक नवकार मन्त्र का जाप का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें जैन महिला मंडल की सदस्यों ने पुरे दिन भर क्रमशः जाप किया। जैन महासभा के अध्यक्ष विनोद बाफना व पूर्व अध्यक्ष जयचंद लाल देगा इत्यादि महासभा के सदस्य भी उपस्थित हुए।
भगवान पार्श्वनाथ जन्मजयंति पर हुआ विशेष कार्यक्रम
भगवान पार्श्वनाथ अलौकिक महापुरुष थे- मुनि चैतन्य कुमार “अमन “
गंगाशहर , 6 जनवरी। तेरापंथ भवन- गंगाशहर में भगवान पार्श्वनाथ जन्म कल्लाण दिवस पर आयोजित धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि की चैतन्य कुमार” अमन ” ने कहा-तीर्थकर परम्परा मे भगवान पार्श्वनाथ अलौकिक महापुरुष थे। उनको चिन्तामणि कल्पवृक्ष कामधेनु और पुरुषादानीय के रूप में मान्यता प्राप्त है। तीर्थंकर परम्परा में सर्वाधिक मंत्र स्तोत्र, स्तुति भगवान पार्श्वनाथ पर लिखित मिलते हैं। घरणेन्द्र एवं पद्मावती जैसे देव और देवी का उद्धार किया जो पूर्व भव नागयुगल के रुप मे थे। भगवान पार्श्वनाथ चातुयाम के प्रयोक्ता थे। उन्होंने गृहजीवन में रहते हुए अनेक जीवो को सुलभ बनाकर भव से पार किया।
मुनि अमन ने कहा कि ऐसा कोई अक्षर नही, जो मंत्र ना बन सके , ऐसी कोई जडी नही जो औषध के रूप में काम न आए और ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जिसका उपयोग नहीं हो सके । आवश्यकता नियोजन करने वालो की है। नियोजक अच्छा हो तो हर वस्तु का उपयोग हो सकता है। आचार्य सिद्ध सेन द्वारा रचित कल्याण मंदिर स्तोत्र, आचार्य भद्रबाहु द्वारा रचित उपसर्गहर स्तोत्र , विश्व प्रसिद्ध काव्य ग्रन्थ है। जिसकी महिमा का वर्णन करना सूरज को दीपक दिखाने के समान है। उनके जीवन से सम्बन्धित हजारो रचनाएं प्राप्त है।
मुनिश्रेयांस कुमारजी ने पाश्रर्व की स्तुती मे रचित एक मधुर गीत का संगान किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में मुनि चैतन्य कुमार” अमन ” ने भगवान पार्ख-घरणेन्द्र पद्मावती से सम्बधित विविध मंत्रों का सामुहिक रुप से जप करवाया । चैन रूप छाजेड़ ने गीत की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर भाई-बहनों ने उपवास आयम्विल एकाशन तप एवम् रात्रिभोजन न करने का संकल्प किया।
अभिनव सामायिक का आयोजन
दिनांक 7 जनवरी 2024 को अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद द्वारा आयोजित अभिनव सामायिक का प्रयोग तेरापंथ भवन में स्थानीय ते यु प. गंगाशहर द्वारा करवाया जाएगा। मुनिश्रेयास कुमारजी के सान्निध्य मे मुनिचैतन्य कुमार अमन” द्वारा प्रात: 9.30 बजे होगा। अधिक से अधिक भाई-बहने अभिनव सामायिक करने का लक्ष्य रखें।