मतदाता पर्ची वितरण का 98.67 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण
बीकानेर, 22 नवंबर। विधानसभा आम चुनाव 2023 के तहत जिले के समस्त विधानसभा क्षेत्रों में करीब 99 प्रतिशत मतदाताओं को वोटर स्लिप पहुंचाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
जिला निर्वाचन अधिकारी भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि जिले के कुल 17 लाख 86 हजार 50 मतदाताओं में से 17 लाख 62 हजार 205 मतदाताओं को मतदान पर्ची वितरित की जा चुकी है । यह कार्य बीएलओ के माध्यम से करवाया जा रहा है, जिनके द्वारा घर के मुखिया अथवा स्वयं मतदाता को ही मतदान पर्ची सौंपी गई है। इस कार्य में आशा ,सहयोगिनी का भी सहयोग लिया गया ।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 34 हजार 950 मतदाताओं सहित 98.89 प्रतिशत वितरण कार्य कर लिया गया है। इसी प्रकार खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 34 हजार 787 मतदाताओं को (99.21प्रतिशत), बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 44 हजार 12 मतदाताओं को ( 98.66 प्रतिशत), लूणकरणसर में 2 लाख 52 हजार 802 मतदाताओं को (96.99 प्रतिशत), डूंगरगढ में 2 लाख 64 हजार 553 (99 .47 प्रतिशत)मतदाताओं को, कोलायत विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 53 हजार 91 (98.91 प्रतिशत) तथा नोखा विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 78 हजार 10 ( 98.56 प्रतिशत) मतदाताओं को वोटर स्लिप वितरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
जिला निर्वाचन अधिकारी भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि मतदान पर्ची पर मतदाता के नाम, हेल्पलाइन नंबर, बूथ का नाम तथा सूची में मतदाता का नाम कौन से स्थान पर है, के संबंध में जानकारी अंकित है। मतदान पर्ची के माध्यम से मतदाता को मतदान के दिन अपने बूथ का नाम, भाग संख्या इत्यादि के संबंध में आसानी से जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
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भारत-यूरोप के मध्य सांस्कृतिक, साहित्यिक व भाषिक सेतु थे डॉ. तैस्सितोरी- केवलिया
बीकानेर, 22 नवम्बर। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की ओर से राजस्थानी भाषा-संस्कृति के अमर साधक डॉ. एल. पी. तैस्सितोरी की पुण्यतिथि पर उनके समाधि-स्थल पर बुधवार को पुष्पांजलि अर्पित की गई। अकादमी कार्मिकों द्वारा डॉ. तैस्सितोरी के कृतित्व से प्रेरणा लेकर मायड़ भाषा के संवर्द्धन-उन्नयन के लिए पूर्ण निष्ठा से कार्य करने का संकल्प लिया गया।
इस अवसर पर अकादमी सचिव शरद केवलिया ने कहा कि डॉ. तैस्सितोरी महान् पुरातत्ववेत्ता व बहुभाषाविद् थे। उन्होंने भारत व यूरोप के मध्य सांस्कृतिक, साहित्यिक व भाषिक सेतु के रूप में कार्य किया। इटली निवासी डॉ. तैस्सितोरी ने भारत आकर भारतीय संस्कृति, भाषा-साहित्य, पुरातत्व के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान दिया। उन्होंने बीकानेर आकर इस क्षेत्र का ऐतिहासिक सर्वेक्षण किया व अमूल्य प्राचीन ग्रंथों, प्रतिमाओं आदि की खोज की।
इस अवसर पर अकादमी कार्मिकों ने डॉ. तैस्सितोरी की समाधि पर पुष्प अर्पित किये व मोमबत्तियां जलाईं। इस दौरान श्रीनिवास थानवी, शालिनी कल्ला, आदित्य व्यास, कानसिंह, मनोज मोदी उपस्थित थे।