भागवत कथा में मनाया नंदोत्सव

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बीकानेर, 4 अक्टूबर। श्राद्ध पितृ पक्ष के अवसर पर पारीक चौक स्थित डूडीजी की कोटड़ी में चल रही भागवत कथा में बुधवार को चौथे दिन नंदोत्सव मनाया गया। आयोजक भंवरलाल पारीक ने बताया कि कथावाचक व्यास पीठाधीश्वर शिवेन्द्र स्वरूप महाराज ने कृष्ण से जुड़े प्रसंग सुनाए। महाराज ने बाल गोपाल की विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया। नंदोत्सव के अवसर पर पूरा कथा पंडाल झूम उठा और नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की गूंज चहूं ओर सुनाई देने लगी।

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जो धर्म पर चलता है, उस पर विपत्ति नहीं आती – क्षमाराम जी महाराज

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बीकानेर , 4 अक्टूबर । गोपेश्वर बस्ती स्थित गोपेश्वर- भूतेश्वर महादेव मंदिर चल रही श्रीमद् भागवत पाक्षिक कथा का वाचन करते हुए सिंथल पीठाधिश्वर महंत क्षमाराम जी महाराज ने बुधवार को कथा प्रसंग में अनेक ज्ञानोपार्जन वाली बातें भक्त- कथा श्रवण करने वाले श्रद्धालुओं से कही। उन्होंने कहा किजो व्यक्ति धर्म पर चलता है, उस पर कोई आपत्ति आती नहीं है। उद्धव जी ने विदुर जी को कुन्ती के प्रसंग सुनाए तो इस पर विदुर जी ने उद्धव जी से कहा कि आप तो कृष्ण की लीलाओं के बारे में बताएं। संसार की बातों से हमें क्या मतलब है। कथावाचक महंत क्षमाराम जी महाराज ने कथा में भगवान श्री कृष्ण के सौंदर्य का वर्णन विदुर और उद्धव जी के संवाद के माध्यम से किया।
कथा में जो देरी से आकर बैठते हैं और पीछे आकर कथा का श्रवण करते हैं, उन्हें कथा का लाभ मिलता है। जर्बदस्ती आगे आकर कथा सुनने के लिए नहीं बैठना चाहिए। कथा में बाधा पड़ती है और दोष लगता है। महंत जी ने कहा कि जब दो संतो का मिलन होता है तो एक संत के भाव दूसरे में आ जाते हैं। उनको ध्यान से सुनो, ऐसा लगता है जैसे दो समुद्र मिल जाते हैं। ऐसा प्रेम उपजता है। भगवान एक जाति के थोड़े ही हैं। यदुवंशी में जन्म लिया तो क्या वह केवल यादवों के हो गए?, भगवान श्री राम जी ने क्षत्रिय के घर जन्म लिया। परशुराम जी ब्राह्मण थे। दत्तात्रेय जी ब्राह्मण थे। भगवान लीला के लिए कुछ भी बन जाते हेैं। एक भगवान ही ऐसे होते हैं जो अपने सौंदर्य में मोहित हो जाते हैं। एक पुरुष अपने सौंदर्य से मोहित नहीं होता, एक स्त्री भी अपने सौंदर्य पर मोहित नहीं होती। यह विद्या केवल भगवान के पास है, क्योंकि उनके पास जो सौंदर्य होता है, वह किसी और के पास होता ही नहीं है.

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