Jharkhand Politics: झारखंड में लगेगा राष्ट्रपति शासन ?
राज्यपाल की चुप्पी से उठे कई सवाल लोकतंत्र का गाला घोंटा जा रहा ?
रांची, 1 फ़रवरी। रांची। विधायक चंपई सोरेन सहित पांच विधायकों ने राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात कर सरकार बनाने का दोबारा दावा प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि लगभग 24 घंटे बिट जाने के बाद भी सरकार के गठन को लेकर राज्यपाल द्वारा निर्णय नहीं लिए जाने से राज्य में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। राज्यपाल इसपर अविलंब निर्णय लें। राज्यपाल ने विधायकों को आश्वस्त किया कि वे सरकार बनाने के उनके दावे पर जल्द ही निर्णय लेकर उन्हें सूचित करेंगे। हालांकि, राज्यपाल ने इसके लिए कोई समय सीमा नहीं बताई।
झारखंड में नई सरकार गठन को लेकर अब तक राजभवन की चुप्पी के कारण झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस विधायकों की चिंता बढ़ गई है। गठबंधन में शामिल सभी विधायकों को एकजुट रखने की कोशिश की जा रही है।
इसी कोशिश के तहत जेएमएम-कांग्रेस के करीब तीन दर्जन विधायक विशेष विमान से रांची से हैदराबाद के लिए एक साथ सर्किट हाउस के लिए एयरपोर्ट के लिए निकले। लेकिन खराब मौसम के कारण विशेष विमान के पायलट ने उड़ान भरने से इनकार किया। जिसके बाद सभी विधायक रांची एयरपोर्ट से वापस सर्किट हाउस लौट आए। वहीं 24 घंटे बीत जाने के बावजूद फैसला नहीं होने से जेएमएम-कांग्रेस नेताओं में बेचैनी का माहौल है।
43 विधायकों का वीडिया जारी किया
43 विधायकों वाला वीडियो भी जारी किया गया, जिसमें सभी गिनती करते नजर आ रहे हैं। इसके बाद चंपई सहित पांच विधायकों के साथ शाम साढ़े पांच बजे मिलने का समय दिया गया। राजभवन ने जिन विधायकों को मिलने का समय दिया था उनमें विधायक दल के नेता चंपई सोरेन, माले विधायक विनोद सिंह, झाविमो विधायक प्रदीप यादव, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता सम्मिलित हैं। इधर, राजभवन की अबतक की चुप्पी ने राष्ट्रपति शासन सहित कई आशंकाओं को जन्म दिया है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि कहीं राज्य राष्ट्रपति शासन की ओर तो नहीं बढ़ रहा है।
शीघ्र मुख्यमंत्री मनोनीत कर नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करें राज्यपाल- चंपई
चंपई ने राज्यपाल को भेजे अपने पत्र में कहा कि वर्तमान में पिछले लगभग 18 घंटों से राज्य में कोई सरकार अस्तित्व में नहीं है। इस कारण राज्य में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। संवैधानिक प्रमुख होने के नाते वे सभी विधायक गण एवं राज्य की जनता राज्यपाल से उम्मीद करते हैं कि शीघ्र ही वे एक लोकप्रिय सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त कर राज्य को भ्रम की स्थिति से बाहर निकालेंगे।
उन्होंने सरकार गठन के उनके दावे को स्वीकार करते हुए उन्हें शीघ्र मुख्यमंत्री मनोनीत कर नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने का अनुरोध किया। कहा कि वे मिलकर यह आश्वस्त करना चाहते हैं कि बहुमत उनके साथ है तथा वे राज्य में स्थिर सरकार देने में सक्षम हैं। उन्होंने बुधवार को 47 विधायकों के समर्थन के दावे एवं 43 विधायकों के हस्ताक्षरयुक्त समर्थन पत्र सौंपने का हवाला भी देते हुए कहा कि ये आंकड़े बहुमत के आंकड़े से अधिक हैं। कहा कि बुधवार को उनके साथ सभी 43 विधायक भी राजभवन के लिए गए थे, लेकिन वे गेट पर ही रूके रहे, उन्हें अंदर प्रवेश नहीं मिल पाया।
हैदराबाद जाएंगे आइएनडीआइए के सभी विधायक
किसी तरह की तोड़-फोड़ की संभावना को खत्म करने के लिए आइएनडीआइए के सभी विधायक देर शाम तक हैदराबाद जाएंगे। इसकी तैयारी पहले ही कर ली गई थी। इसके लिए दो विशेष विमान बुलाए गए थे। साथ ही राजकीय अतिथिशाला में सुबह से ही दो बसें खड़ी कर दी गई थीं। विधायक दिन में ही हैदराबाद जानेवाले थे लेकिन खराब मौसम होने के कारण विमान आने में देरी हुई।
बीजेपी की ओर से बुलाई विधायक दल की बैठक
इधर, बीजेपी की ओर से शुक्रवार को पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी समेत कुछ केंद्रीय नेताओं के भी मौजूद रहने की उम्मीद है। झारखंड में बढ़ी राजनीतिक हलचल के बीच गुरुवार को ही बीजेपी प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी रांची पहुंचे। शुक्रवार को रांची में बीजेपी विधायकों की होने वाली बैठक में मौजूदा राजनीतिक हालात और सरकार को लेकर चर्चा होगी।
एनडीए में शामिल आजसू पार्टी की भी नजर
इस बीच एनडीए में शामिल प्रमुख घटक दल आजसू पार्टी की ओर से भी बदले हुए राजनीतिक हालात पर नजर रखी जा रही है। आजसू प्रवक्ता देवशरण भगत के मुताबिक बदलते राजनीतिक हालात पर पार्टी की नजर है और पार्टी के अंदर इस पर मंथन चल रहा है। आजसू पार्टी के तीन विधायक है, जबकि बीजेपी के 26 विधायक है। इसके अलावा एनडीए को दो निर्दलीय विधायक सरयू राय और अमित यादव का भी समर्थन प्राप्त है।
हेमंत सोरेन को जेल में अपर डिवीजन का कमरा नंबर-1 मिला
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नया ठिकाना होटवार जेल के अपर डिवीजन के ब्लॉक बी में कमरा नंबर 1 है। हेमंत सोरेन को इसी कमरा में रखा गया है। हेमंत सोरेन के जेल पहुंचने के पहले ही जेल प्रशासन की ओर से पूरी तरह से साफ-सफाई के काम को पूरा कर लिया गया था। हेमंत सोरेन के पूर्व मुख्यमंत्री रहने के कारण जेल मैनुअल के तहत कई विशेष सुविधाएं भी मिलेगी, जो आम कैदियों को नहीं मिलती है।