राजस्थान में चूरू से भाजपा के सांसद रहे राहुल कस्वां कांग्रेस में शामिल होंगे
चूरू , 10 मार्च। चूरू से बीजेपी सांसद राहुल कस्वां पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं। राहुल कस्वां सोमवार (11मार्च) को दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। राहुल कस्वां के साथ कांग्रेस की बातचीत हो चुकी है, बीजेपी छोड़ने का औपचारिक ऐलान कभी भी कर सकते हैं। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक राहुल कस्वां को चूरू से लोकसभा का टिकट दिया जाएगा।
दिल्ली में राहुल गांधी की मौजूदगी में राहुल कस्वां को कांग्रेस जॉइन करवाने की तैयारी है। राहुल गांधी यात्रा छोड़कर दिल्ली पहुंच गए हैं। राहुल गांधी कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में शामिल होने दिल्ली गए हैं, इसी दौरान राहुल कस्वां को जॉइन करवाने की तैयारी है। राहुल कस्वां को कांग्रेस की पहली ही सूची में टिकट दिए जाने की संभावना है।
राहुल कस्वां टिकट कटने के बाद से नाराज
राहुल कस्वां ने भाजपा से टिकट कटने के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट करके सवाल उठाते हुए पूछा था कि उनका दोष क्या है? इसके बाद शुक्रवार को सादुलपुर में समर्थकों को जुटाकर टिकट कटने पर सवाल उठाते हुए इशारों में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पर जमकर निशाना साधा था।
कस्वां ने समर्थकों के सामने टिकट कटने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पहले लगता था कि पार्टी लोगों का समूह होती है और कोई बात होगी तो सुनी जाएगी। पहले पिता की टिकट कटवाई, इसके बाद एक व्यक्ति के कहने पर मेरी टिकट कटी गई। वो व्यक्ति नहीं, चूरू की जनता फैसला करेगी। शुक्रवार को राहुल कस्वां ने अपने समर्थकों को जुटाकर पार्टी छोड़ने के संकेत दे दिए थे
बता दें कि राहुल कस्वां चूरू लोकसभा सीट से 2 बार के सांसद हैं। पहली बार बीजेपी ने उन्हें 2014 के चुनाव में उतारा, तब से वह वहां के स्थानीय सांसद हैं। 2019 में उन्होंने कांग्रेस के रफीक मंडेलिया को करीब साढ़े तीन लाख के अंतर से हराया था।
एक के बाद एक कई सोशल मीडिया पोस्ट
2024 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने इस बार पैरालंपिक एथलीट रहे देवेंद्र झाझड़िया को मैदान में उतारा है। टिकट कटने के बाद से ही नाराज चल रहे कस्वां ने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए। एक पोस्ट के जरिए उन्होंने लिखा, मैंने कभी कोई लालसा नहीं रखी, मेरी सदैव लालसा रही कि मेरे चूरू लोकसभा परिवार की समृध्दि के लिए हर मुमकिन प्रयास करता रहूं। फिर भी मेरे समझ न आया और न कोई बता पाया कि ‘मेरा गुनाह क्या था’ ? उन्होंने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि कोई एक व्यक्ति चूरू लोकसभा के भविष्य को तय नहीं करेगा। चूरू लोकसभा के भविष्य को यहां की जनता तय करेगी।
उल्लेखनीय है कि बीजेपी की ओर से टिकट नहीं दिए जाने के बाद शुक्रवार (8 मार्च) को चूरू सांसद राहुल कस्वां पहली बार सादुलपुर पहुंचे। जहां पर वे अपने आवास पर कार्यकर्ताओं व समर्थकों से रूबरू हुए। सांसद के आवास पर कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी। कस्वां ने समर्थकों से चर्चा की। अब ठीक 2 दिन बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ने का फैसला किया है।
राहुल कस्वां 2 दिन पहले दिए संकेत
सादुलपुर जाने से पहले सांसद राहुल कस्वां ने एक पोस्ट में हिंट दिया कि वो क्या फैसला लेने वाले हैं। उनके द्वारा जो पोस्टर सोशल साइट पर अपलोड किया गया, उसमें से कमल गायब दिखा। हालांकि, उन्होंने बायो और कवर फोटो में कोई परिवर्तन नहीं किया था। वैसे यह तो सबको पता है कि राजनीति में संकेतों का बड़ा महत्व होता है। ऐसे में दो दिन पहले की उन्होने बीजेपी छोड़ने के संकेत दे दिए, हालांकि ये स्पष्ठ नहीं था कि निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या किसी पार्टी के साथ जुड़ेगे।
तारानगर से राजेंद्र राठौड़ को चुनाव हरवाने में कस्वां पर लगे थे आरोप
विधानसभा चुनावों के दौरान नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ तारानगर से चुनाव हार गए थे। राठौड़ ने राहुल कस्वां और उनके पिता पर भितरघात करके चुनाव हरवाने के आराेप लगाए थे। राठौड़ ने इसे लेकर खुलकर कहा था कि जयचंदों ने हरवाने में भूमिका निभाई है। राठौड़ ने बीजेपी हाईकमान से इसकी शिकायत की थी। राहुल कस्वां का चूरू से लोकसभा टिकट कटने के पीछे यही बड़ा कारण रहा। राजेंद्र राठौड़ और राहुल कस्वां के पिता पूर्व सांसद रामसिहं कस्वां के बीच भी सियासी मतभेद रहे हैं। बीच में कुछ समय दोनों के बीच सुलह हो गई थी, लेकिन बाद में मतभेद फिर गहरा गए। अब तल्खी फिर बढ़ गई है।
कांग्रेस का राहुल कस्वां के जरिए बीजेपी को जवाब देने का प्रयास
कांग्रेस के दर्जन भर से ज्यादा नेता रविवार को ही पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। कांग्रेस अब लोकसभा चुनाव से पहले राहुल कस्वां को पार्टी में शामिल करके बीजेपी काे सियासी जवाब देने के प्रयास में है। रविवार को पूर्व मंत्री लालचंद कटारिया, राजेंद्र यादव,पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, विजयपाल मिर्धा सहित कई नेता बीजेपी में शामिल हुए हैं।
अब कांग्रेस भी बीजेपी को जवाब देने की तैयारी में है। राहुल कस्वां को बीजेपी से टिकट कटने के बाद अपनी सियासी जमीन बचाए रखने के लिए चुनाव लड़ना जरूरी है, उधर कांग्रेस को भी बीजेपी से एक बड़े चेहरे को तोड़कर सियासी मैसेज देने का मौका मिलेगा। चूरू से कांग्रेस लगातार हार रही है। राहुल कस्वां को टिकट देकर कांग्रेस बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती देने की रणनीति में है।