विद्यालय स्तरीय गीता भाषण परीक्षा संपन्न

बीकानेर, 19 जनवरी । परम पूज्य ब्रह्मलीन स्वामी संवित् श्रीसोमगिरिजी महाराज की प्रेरणा, आशीर्वाद एवं अनुकम्पा से श्रीलालेश्वर महादेव मन्दिर, शिवमठ, शिवबाड़ी, बीकानेर के अधिष्ठाता पूज्य स्वामी श्रीविमर्शानन्दगिरिजी महाराज के सान्निध्य में विद्यालय स्तरीय गीता भाषण परीक्षा संपन्न हो गई। दोपहर 2ः00 बजे प्रारंभ हुई इस भाषण परीक्षा का विषय- ’’क्यों करे गीता का अध्ययन’’ रखा गया। जिसमें प्रथम स्थान लेडी एल्गिन स्कूल की छात्रा सुश्री लक्ष्मी भाटी, द्वितीय स्थान आरएसवी स्कूल की छात्रा सुश्री पुनीता तथा तृतीय स्थान पर संवित् शिक्षण संस्थान की छात्रा अक्षता बिश्नोई रहीं। प्रोत्साहन पुरस्कार संवित् शिक्षण संस्थान की दीपांशी कतुरिया तथा प्राची बिश्नोई को प्रदान किया गया। प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्राओं को क्रमशः 3100, 2100 तथा 1100 रुपये का नकद पुरस्कार, स्मृति चिह्न तथा संवित् साहित्य प्रदान किया गया। प्रोत्साहन पुरस्कार विजेता छात्राओं को 500 रुपये नकद पुरस्कार के साथ स्मृति चिह्न तथा संवित् साहित्य प्रदान किया गया। विद्यालय स्तरीय रामचन्द्र गौरी मुंशी स्मृत्ति चल वैजयन्ती संवित् शिक्षण संस्थान को प्रदान की गई।


इस अवसर पर पूज्य स्वामी श्रीविमर्शानंदगिरिजी महाराज ने विद्यार्थियों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि गीता भगवान् श्रीकृष्ण की वांड्.मयी वाणी है। आज से लगभग 5222 वर्ष पूर्व भगवान् श्रीकृष्ण ने अर्जुन को निमित्त बनाकर संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए तथा संपूर्ण मानव समाज को अभ्यूदय और निःश्रेयस का लक्ष्य देने के लिए जो उपदेश दिया था, वह उपदेश आज के विद्यार्थियों के लिए सर्वाधिक उपयोगी है। गीता के श्लोकों में मंत्रात्मक शक्ति है, यदि कोई भी विद्यार्थी प्रतिदिन गीता 5 श्लोकों का भी भाव से पाठ करेगा तो निश्चित रूप से उसकी स्मृति बढ़ेगी, उसके जीवन में आत्मविश्वास बढ़ेगा, उसके जीवन में साहस आएगा और वो कभी निराश, हताश, उदास नहीं होगा, बल्कि कर्मयोगी साधना करता हुआ वह जीवन के पथ पर आगे बढ़ता चला जाएगा।


मानव प्रबोधन प्रन्यास के विजेन्द्र सिंह भाटी के बताया कि इस विद्यालय स्तरीय गीता भाषण परीक्षा की सभी विजेता छात्राएं रहीं। इस गीता भाषण प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल में डॉ शशि गुप्ता, सुशीला व्यास तथा प्रदीप देवड़ा थे तथा संपूर्ण गीता ज्ञान परीक्षा के सफल आयोजन में ब्रजगोपाल व्यास, हरीशचंद्र शर्मा, बजरंगलाल शर्मा, राजकुमार कौशिक, अर्जुननाथ सिद्ध, भवानीशंकर व्यास, कन्हैयालाल पंवार, हरनारायण खत्री, हरिओम् पूंज, साकेत शर्मा, सुनील सोनी, रूप सिंह भाटी, बजरंगलाल प्रजापत, धनश्याम स्वामी, राजीव मित्तल, रमेश जोशी, रमेश शर्मा, विजय सिंह राठौड़, रामदयाल राजपुरोहित, नंदकिशोर भाटी, नंदू सिंह शेखावत, मोहित अग्रवाल आदि आदि का सहयोग रहा।
