श्री गोपेश्वर विद्यापीठ का लोकनृत्य, गरबा एवं गीत-संगीत का अभिनव आयाम “राजस्थानी रास”4 अप्रैल को होगा

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विमला मेघवाल, हरिशंकर आचार्य, संजय पुरोहित, आर जे रोहित एवं दीपिका प्रजापत ने पोस्टर का किया लोकार्पण

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बीकानेर, 1 अप्रैल । उपनगरीय क्षेत्र गंगाशहर की प्रतिष्ठित श्री गोपेश्वर विद्यापीठ सैकेंडरी स्कूल द्वारा गणगौर पर्व के उपलक्ष्य में लोकनृत्य, गरबा एवं गीत – संगीत के अभिनव आयाम “राजस्थानी – रास” का आयोजन गुरुवार, 4 अप्रैल को सायं 3:30 बजे गणगौर पैलेस, गोपेश्वर बस्ती में किया जाएगा। विद्यापीठ की प्रधानाध्यापिका भंवरी देवी ने बताया कि विद्यापीठ नवाचारों के लिए प्रतिबद्ध है। विद्यापीठ के प्रस्तावित इस अभिनव “राजस्थानी – रास” में लोक नृत्य, गरबा एवं गीत – संगीत के विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान लक्की ड्रा, एक्साइटिंग प्राइजेस, डीजे डांस मस्ती इत्यादि भी रखे गए हैं।

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नगर की 5 विशिष्ट विभूतियों ने किया पोस्टर का लोकार्पण

प्रस्तावित “राजस्थानी – रास” के पोस्टर का लोकार्पण सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की डीन डॉ. विमला डुकवाल, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक हरिशंकर आचार्य, प्रसिद्ध उद्घोषक एवं लेखक संजय पुरोहित, आर जे रोहित एवं लोक पार्श्व गायिका दीपिका प्रजापत ने धरनीधर रंगमंच परिसर में किया। इस दौरान विद्यापीठ के समन्वयक गिरिराज खैरीवाल एवं प्रधानाध्यापिका भंवरी देवी भी साथ रहे।

लोकार्पण अवसर पर डॉ. विमला डुकवाल ने विद्यापीठ के विभिन्न अभिनव आयामों की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि हमारी अद्भुत सांस्कृतिक विरासत के लिए इस तरह के कार्यक्रमों की बहुत आवश्यकता है। विद्यापीठ की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक गतिविधियां नई पीढ़ी में इनका बेहतर समन्वयन कर रही है।

जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक हरिशंकर आचार्य ने लोकार्पण अवसर पर कहा कि टेक्नोलाजी के इस समय में बच्चों को हमारी विरासत से जोड़ने के लिए विद्यापीठ का राजस्थानी – रास आयोजन सफलतम एवं सराहनीय प्रयास है।

साहित्यकार संजय पुरोहित ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से ही संस्कृति अक्षुण्ण रह सकेगी। दीपिका प्रजापत ने कहा कि लोक संस्कृति का यह अभिनव उत्सव बच्चों को संस्कृति से जोड़ने के लिए बहुत कारगर कदम है। आर जे रोहित ने इस दौरान कहा कि हमारी संस्कृति को जीवंत रखने के लिए ऐसे आयाम आज के समय की महती आवश्यकता है और विद्यापीठ समय समय पर अपने अभिनव आयोजनों द्वारा अपने दायित्व का बेहतरीन संपादन कर रही है। विद्यापीठ के समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने सभी का आभार प्रकट करते हुए उन्हें कार्यक्रम में अतिथियों के रूप में पधारने हेतु आमंत्रित किया।

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
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