सहारा ग्रुप के खिलाफ केस जारी रहेगा

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सुब्रत रॉय की मृत्यु के बाद SEBI अध्यक्ष बोलीं- केस चलता रहेगा चाहे कोई जीवित हो या नहीं
नयी दिल्ली , 16 नवम्बर।
सहारा ग्रुप के फाउंडर सुब्रत रॉय की मृत्यु के बाद भी सेबी (SEBI) इस ग्रुप के खिलाफ केस जारी रखेगा। सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सेबी के लिए यह मामला एक यूनिट के मैनेजमेंट से जुड़ा है और यह जारी रहेगा। चाहे कोई व्यक्ति जीवित हो या नहीं।

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कारोबारी सुब्रत रॉय का कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण 14 नवंबर 2023 को निधन हो गया। वे 12 नवंबर से कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल (केडीएएच) में भर्ती थे। सुब्रत को मेटास्टैटिक स्‍ट्रोक (एक तरह का कैंसर), हाई ब्‍लड प्रेशर और डायब‍िटीज की समस्‍याएं थीं।
नियमों के खिलाफ पैसे जुटाने का है केस
सुब्रत रॉय पर उनकी दो कंपनियों में नियमों के खिलाफ लोगों से पैसे निवेश करवाने का आरोप लगा था। इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। 28 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को 24,400 करोड़ रुपए निवेशकों को लौटाने को कहा था। तब से लेकर आज तक यह केस चल रहा है।

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  • यह केस सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड से जुड़ा है।
  • 30 सितंबर 2009 को सहारा ग्रुप की कंपनी प्राइम सिटी ने IPO के लिए SEBI के पास DRHP दायर किया था।
  • DRHP के एनालिसिस में SEBI को रियल एस्टेट और हाउसिंग कंपनियों की फंड जुटाने की प्रोसेस में कमी मिली।

  • 25 दिसंबर 2009 और जनवरी 2010 को सेबी को शिकायतें मिलीं कि दोनों कंपनी OFCDS से पैसे जुटा रही हैं।
  • सेबी को पता चला कि कंपनी ने OFCDS के जरिए 2-2.5 करोड़ लोगों से 24,000 करोड़ रुपए जुटाए।

  • मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और 2012 में कोर्ट ने सहारा को 15% ब्याज के साथ पैसा लौटाने को कहा।
  • सहारा तीन महीने के भीतर पैसा नहीं जमा कर पाया तो कोर्ट ने तीन किश्तों में पेमेंट करने का आदेश दिया।
  • सहारा ने 5120 करोड़ रुपए की पहली किश्त जमा की और बाकी पेमेंट कभी भी जमा नहीं किया।

  • 28 फरवरी 2014 को सुपीम कोर्ट के आदेश पर लखनऊ पुलिस ने सुब्रत रॉय को हिरासत में ले लिया।
  • रॉय दो साल तक तिहाड़ जेल में रहे और 2016 से वो पैरोल पर जेल से बाहर थे।
  • 2014 में सुब्रत रॉय पर सुप्रीम कोर्ट कैम्पस में एक शख्स ने काली स्याही फेंक दी थी। स्याही फेंकने वाले शख्स ने सुब्रत रॉय को ‘गरीबों का चोर’ बताया था।

    जमानत पर थे सुब्रत रॉय
    पटना हाईकोर्ट में सहारा इंडिया के खिलाफ लोगों के पैसों का कई सालों से भुगतान नहीं करने का एक केस चल रहा है। लोगों ने ये पैसे कंपनी की कई स्कीमों में लगाए थे। इस केस में पटना हाईकोर्ट के गिरफ्तारी के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। साथ ही उनके खिलाफ आगे किसी तरह की कार्रवाई को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।
    सुब्रत रॉय के खिलाफ इसी तरह का एक मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहले से चल रहा है। वे जमानत पर बाहर थे। वहीं, निवेशकों के पैसे लौटाने को लेकर सहारा इंडिया का दावा है कि वह सारी रकम सेबी के पास जमा करा चुकी है।
    जमानत पर थे सुब्रत रॉय
    पटना हाईकोर्ट में सहारा इंडिया के खिलाफ लोगों के पैसों का कई सालों से भुगतान नहीं करने का एक केस चल रहा है। लोगों ने ये पैसे कंपनी की कई स्कीमों में लगाए थे। इस केस में पटना हाईकोर्ट के गिरफ्तारी के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। साथ ही उनके खिलाफ आगे किसी तरह की कार्रवाई को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।
    सुब्रत रॉय के खिलाफ इसी तरह का एक मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहले से चल रहा है। वे जमानत पर बाहर थे। वहीं, निवेशकों के पैसे लौटाने को लेकर सहारा इंडिया का दावा है कि वह सारी रकम सेबी के पास जमा करा चुकी है।

    सेबी ने किया क्लीय
    भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी पुरी बुच ने आज साफ किया कि सहारा ग्रुप के फाउंडर सुब्रत रॉय के निधन के बाद भी सहारा का मामला कैपिटल मार्केट रेगुलेटर में जारी रहेगा. बुच ने कहा कि सेबी के लिए यह मामला एक यूनिट के आचरण से जुड़ा है और यह जारी रहेगा, भले ही कोई व्यक्ति जीवित हो या नहीं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के तहत एक समिति है और हम सभी कार्रवाई उसी समिति के तहत करते हैं. विज्ञापनों के कई दौरान के बाद जिसके पास भी निवेश के सबूत थे, उन्हें अपना पैसा मिल गया.

    सेबी के अकाउंट में 25 हजार करोड़ रुपया
    खास बात तो ये है कि सेबी के अकाउंट में सुब्रत रॉय के सहारा ग्रुप का 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा पड़ा हुआ है. वास्तव में सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों का पैसा रिफंड करने के लिए सुब्रत रॉय को पैसा जमा कराने के लिए कहा था. उसके बाद से लगातार पैसा सेबी के अकाउंट में आता रहा है. एनुअल रिपोर्ट के अनुसार सेबी ने सहारा ग्रुप की दो कंपनियों के निवेशकों को 11 वर्षों में 138.07 करोड़ रुपए वापस किए. इस बीच रीपेमेंट के लिए विशेष रूप से खोले गए बैंक खातों में जमा राशि बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है.

    कितना लौटाया जा चुका है पैसा?
    रिपोर्ट के अनुसार सेबी को 31 मार्च, 2023 तक 53,687 अकाउंट्स से जुड़े 19,650 आवेदन प्राप्त हुए. इनमें से 48,326 अकाउंट्स से जुड़े 17,526 आवेदनों के लिए 138.07 करोड़ रुपए की कुल राशि लौटाई गई, जिसमें 67.98 करोड़ रुपए की ब्याज राशि भी शामिल है. शेष आवेदन सहारा ग्रुप की दोनों कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई जानकारी के जरिए उनका कोई पता नहीं लग पाने के कारण बंद कर दिए गए. सेबी ने आखिरी अपडेटिड जानकारी में 31 मार्च 2022 तक 17,526 आवेदनों से संबंधित कुल राशि 138 करोड़ रुपए बताई थी. सेबी ने कहा कि 31 मार्च 2023 तक बैंकों में जमा कुल राशि करीब 25,163 करोड़ रुपए है.

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