कक्षा शिक्षण को प्रभावित करने वाला कार्य शिक्षक नहीं करेंगे

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

बीकानेर, 28 सितंबर। सरकार ने शिक्षा विभाग को प्रयोग शाला बना दिया है। शिक्षण के अतिरिक्त वे सभी कार्य शिक्षक पर थौंपे जा रहे हैं जिनका शिक्षा से कोई वास्ता नहीं है।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

शैक्षिक ढाँचे की मज़बूती की कोई योजना बनाई नहीं जा रहीं है। शिक्षा विभाग को आँकड़ों के मकड़जाल में उलझा दिया गया है। गुणात्मक शिक्षा की कोई बात नहीं, सिर्फ़ टीआरपी बढ़ाने की ओर पूरा फ़ोकस है।
2 अक्टूबर से एप के ज़रिए सभी बच्चों की ऑन लाइन उपस्थिति की जाएगी, जिसमें पहला पीरियड इसी की भेंट चढ़ जाएगा, सभी स्कूलों में न तो नेटवर्क रहता है तथा पहला पीरियड महत्वपूर्ण विषय का होता है।

pop ronak
kaosa

राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग और प्रदेश महामंत्री उपेन्द्र शर्मा ने संयुक्त बयान जारी कर बताया कि शिक्षकों के लिए प्राथमिकता बच्चों का शिक्षण है, शिक्षक शिक्षण के समय में उक्त कार्य नहीं करेगा, विभाग ऑन लाइन उपस्थिति की व्यवस्था अपने स्तर पर करवाए।
इस तरह के कार्य सार्वजनिक शिक्षा को निजीकरण की ओर ढकेलने वाले हैं और प्राइवेट एंजियो को मालामाल करने वाले हैं। संगठन पूरे प्रदेश में इसका पुरज़ोर विरोध करेगा और सार्वजनिक शिक्षा को बचाने के लिए कार्य करेगा।
प्रदेश मंत्री श्रवण पुरोहित ने बताया कि शिक्षक एंड्रोयड फ़ोन स्कूल में नहीं रखता है, ये फ़ोन रखना नियुक्ति के समय न शर्त थी, न सेवा नियमों में है। शिक्षक उक्त कार्य नहीं करेगा। जल्दी ही पूरे प्रदेश में एक रणनीति बनाकर विभाग के इस फ़ैसले का पुरज़ोर विरोध किया जाएगा।
जिलाध्यक्ष आदुराम मेघवाल ने बताया कि राज्य के शैक्षिक ढांचे में NGOs व अन्य निजी संस्थाओं का हस्तक्षेप लगातार बढ़ रहा है, एक तरह से पूरे सिस्टम को हाईजेक किया जा रहा है..स्मार्ट क्लाश,स्मार्ट टीचिंग, स्मार्ट इवोल्यूशन के नाम से सब कुछ ऑनलाइन करने व बड़े स्तर पर निजी संस्थाओं द्वारा बनाए गए मॉड्यूल व टीचिंग पैक्स ट्रांसप्लांट किए जा रहे है और इसकी एवज मुनाफा कमाया कमाया जा रहा है। कहीं न कहीं बड़ी गड़बड़ शुरू हो रही है..सरकार बेफिक्र है..इसके दुष्परिणाम से वे अवगत नहीं है..इसलिए अब सभी मिलकर बड़े स्तर पर विरोध करेंगे।
जिला मंत्री भंवर सांगवा ने बताया कि समय वृद्धि आंदोलन की तर्ज पर बड़ी लड़ाई से ही मुक्ति पाई जा सकती है.. अन्यथा निजीकरण का दायरा बढ़ता ही जाएगा और सार्वजनिक शिक्षा से एक बड़ा वर्ग वंचित होता चला जाएगा।
जिला प्रवक्ता अरुण गोदारा ने बताया कि सार्वजनिक शिक्षा को बचाने के लिए शीघ्र ही प्रांतव्यापी आंदोलन का आगाज किया जाएगा।

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *