बाफना स्कूल में एड्यूकेटर ओरिएंटेशन कॉन्क्लेव में शिक्षा, शिक्षार्थी और नई एजुकेशन पॉलिसी आदि विभिन्न पहलुओं पर चर्चा व मंथन।
बाफना स्कूल में एड्यूकेटर ओरिएंटेशन कॉन्क्लेव में शिक्षा, शिक्षार्थी और नई एजुकेशन पॉलिसी आदि विभिन्न पहलुओं पर चर्चा व मंथन।
बीकानेर , 7 दिसम्बर बाफना स्कूल में बुधवार को एक एड्यूकेटर ओरिएंटेशन कॉन्क्लेव आयोजित हुआ जिसमें क्वालिटी एजुकेशन फॉर स्टूडेंट्स, पर्सनल सेफ्टी रूल्स फॉर स्टूडेंट्स तथा प्रॉस्पेक्ट ऑफ न्यू एजुकेशन पॉलिसी फॉर स्टूडेंट्स के साथ-साथ अन्य शैक्षिक मुद्दों पर चर्चा व मंथन किया गया।
स्कूल के सीईओ डॉ पीएस वोहरा ने बताया कि कॉन्क्लेव के की- नोट स्पीकर आईएएस नवीन जैन (एजुकेशन सेक्रेट्री, राजस्थान) तथा राजीव शर्मा ( अजीज प्रेमजी फाउंडेशन, राजस्थान हेड) थे। इस अवसर पर आरएएस अशोक कुमार असीजा ( एडिशनल डायरेक्टर, सेकेंडरी एजुकेशन, राजस्थान) डीईओ सुरेंद्र सिंह भाटी तथा सीडीओ दिनेश सहित सरकारी और निजी विद्यालयों के अनेक शिक्षक तथा शिक्षिकाएं उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि बीकानेर में यह पहका ऐसा प्रयास है जिसमें सरकारी और निजी शिक्षक एक साथ बैठकर विभिन्न शैक्षिक मुद्दों के मंथन के साक्षी बने तथा अपनी कमजोरियों और अच्छाइयों को जाना है। यह प्रयास बीकानेर शिक्षा जगत को एक नई समझ को अपनाने के लिए जागरूक और प्रेरित करेगा।
कॉन्क्लेव में न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर अपनी बात रखते हुए
राजीव शर्मा ( अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन, राजस्थान हेड) ने कहा कि आजादी के बाद भारत में शिक्षा को दिशा देने के लिए अनेक एजुकेशन पॉलिसीज आई और सब ने शिक्षा के सतत विकास में अपना अपना योगदान दिया। नई शिक्षा नीति में “अर्ली चाइल्ड एजुकेशन पॉलिसी” पर सबसे अधिक जोर दिया गया क्योंकि बच्चों का उनकी आरंभिक आयु में ही तेजी से विकास संभव है। एनईपी में विद्यार्थियों के संज्ञानात्मक, भावनात्मक विकास हेतु सभी आवश्यक संसाधनों को उपलब्ध करवाने हेतु जोर दिया गया जिससे उनकी संभावनाओं को उड़ान मिल सके। एनईपी में शिक्षार्थियों के साथ शिक्षक के भी विकास पर बल दिया गया। उन्होंने कहा कि आज भी हमारे देश में 5 करोड़ ऐसे बच्चे हैं जिनको शिक्षा के प्राथमिक स्तर का भी ज्ञान नहीं है और इसे दूर करने के लिए वर्ष 2025 की समयावधि रखी गई है।
आईएएस नवीन जैन (एजुकेशन सेक्रेट्री, राजस्थान) ने सभी सरकारी और निजी विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज के इस कॉन्क्लेव में सरकारी और निजी विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं का एक साथ मौजूद रहना एक अद्भुत संगम है। उन्होंने सरकारी स्कूलों में चल रही शैक्षिक व्यवस्था की दशा और दिशा के बारे बात की तथा देश के विकास में सरकारी और निजी स्कूलों की भूमिकाओं को भी बताया। उन्होंने कहा कि जब आप समाज व देश के प्रति जागरूक होंगे तो ही आप शिक्षा में विद्यार्थियों को सही दिशा दे सकते हैं। अगर आप बच्चों के विकास में कोई योगदान नहीं देते हैं तथा सुविधाओं का ही रोना रोते रहते हैं तो आप देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। अपने जीवन के उद्देश्य को ढूंढिए, अच्छे कार्य को करने के लिए कोई भी मौका मत छोड़िए तथा कुछ सकारात्मक कीजिए जिससे देश आप पर गर्व कर सके। आपकी वजह से कोई भी परिवार वहां पहुंच सकता है जहां पहुंचने का सपना वो अपने बच्चों में ढूंढता है। उन्होंने कहा कि जब हम शिक्षा जैसे पवित्र कार्य के साथ जुड़े हैं तो सैलरी हमारे जीवन का मुख्य हिस्सा नहीं होना चाहिए बल्कि जिस कार्य के लिए वो हमें मिल रही है, उस कार्य को ईमानदारी और शिद्दत के साथ करने की भावना सिद्दत के साथ होनी चाहिए।उन्होंने विद्यार्थियों में सोशल मैच्योरिटी, पर्सनल सेफ्टी रूल्स( गुड टच – बैड टच) के प्रति जागरूक करने की पुरजोर वकालत की।
कार्यक्रम के अंत में आरएएस अशोक कुमार असीजा ( एडिशनल डायरेक्टर, सेकेंडरी एजुकेशन, राजस्थान) ने सभी का आभार प्रकट किया। बाफना स्कूल प्रबंधन की ओर से पीसीटीबी और एसटीबीए के ट्रस्टी हंसराज बाफना और ट्रस्टी निर्मल बाफना ने आईएएस नवीन जैन (एजुकेशन सेक्रेट्री, राजस्थान) तथा राजीव शर्मा ( अजीज प्रेमजी फाउंडेशन, राजस्थान हेड), आरएएस अशोक कुमार असीजा ( एडिशनल डायरेक्टर, सेकेंडरी एजुकेशन, राजस्थान), डीईओ सुरेंद्र सिंह भाटी तथा सीडीओ दिनेश का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया।