राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र पर हिंदी कार्यशाला का आयोजन

हमारे सोशल मीडिया से जुड़े!

हिंदी पत्रकारिता को रोचक बनती है शायरी : डॉ मेहता

L.C.Baid Childrens Hospiatl

बीकानेर , 30 दिसम्बर। राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर पर आज हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केन्द्र के प्रभागाध्यक्ष डॉ एस सी मेहता ने कहा की शायरी हिंदी पत्रकारिता को रोचक बनती है, क्योंकि चाहे आप संसद के अन्दर होने वाले संवाद सुने, बजट भाषण सुने या टीवी पर कोई चर्चा, हर प्रबुध्द जन अपनी बात को वजन देने के लिए एवं उस ओर सभी का ध्यान आकर्षित करने के लिए शेर, शायरी अथवा किसी दोहे -चोपाई का प्रयाग करता है ।

mona industries bikaner

हमें भी आज के इस अंग्रजी दौर में हिंदी एवं हिंदी पत्रकारिता को रोचक बनाने के लिए इस तरह के प्रयोग करने चाहिए । उन्होंने दुष्यंत कुमार की प्रमुख रचना “हो गई पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए “ एवं मिर्जा ग़ालिब के कुछ शेर भी सुनाए ।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ नासिर जैदी, ब्यरो चीफ, एनडीटीवी ने अपने वक्तव्य को शेर एवं शायरियों के बेहतरीन प्रयोग से इतना रोचक बजा दिया की सभी दिल ए वाह वाह कर उठे । उन्होंने कहा की पत्रकारिता के लिए सबसे पहले आप इन्सान अच्छे होने चाहिए, आपकी छवि एवं कार्यशेली प्रभावी होनी चाहिए एवं जब शब्दों का चयन करें तो वह आकर्षित करने वाले शब्द होने चाहिए ।

उन्होंने कालांतर में हुए कई कवि, रचनाकार जैसे कबीर, रसखान , मुंशी प्रेम चंद आदि से सम्बन्धित कई विशिष्ठ बातें बताई । इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि कवि राजाराम स्वर्णकार ने अपनी बात कविताओं के माध्यम से रख कर श्रोताओं पर अपनी एक अलग छाप छोड़ी । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथिति डॉ एजाज अहमद कादरी थे उन्होंने देश के सभी भागों में हिंदी को अपनाने पर बल दिया । कार्यशाला का संयोजन केंद्र के राजभाषा अधिकारी कमल सिंह ने किया एवं कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिकों, तकनीकी अधिकारीयों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया ।

 

थार एक्सप्रेस
CHHAJER GRAPHIS

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *