देश के इस प्राचीन मंदिर में लागू हुआ नया ड्रेस कोड, छोटे कपड़े पहनने वाले पर्यटकों को मिलेगा धोती-तौलिया

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नयी दिल्ली , 29 जनवरी। भारत के एक और प्राचीन मंदिर में जाने वाले भक्‍तों के लिए शालीनता बनाए रखने की पहली शुरू की है। हम्पी के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के प्रसिद्ध विरुपाक्ष मंदिर में छोटे कपड़े पहनने वालों को एक धोती और एक तौलिया दिया जा रहा है।

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राजा कृष्णदेव राय की राजधानी रही हम्पी की सैर करने वाले सैलानियों को एक प्रसिद्ध मंदिर में प्रवेश करने से पहले पहनावे का विशेष ध्यान रखना होगा। कर्नाटक के विजयनगर जिले में हम्पी के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के प्रसिद्ध विरुपाक्ष मंदिर में छोटे कपड़े पहन कर आने वाले पर्यटकों को जिला प्रशासन की ओर से मंदिर के दरवाजे पर एक धोती और एक तौलिया दिया जा रहा है। यह व्यवस्था शुक्रवार से लागू की गई है।

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प्रवेश द्वार पर रखे 500 धोती-तौलिया का सेट

प्रशासन ने प्रवेश द्वार पर 500 धोती-तौलिया का सेट रखे हैं और आगंतुकों को मंदिर की शालीनता बनाए रखने और अन्य भक्तों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए मंदिर में प्रवेश करने से पहले एक सेट पहनने के लिए कहा जाता है। राज्य के मंदिरों में पिछले कुछ समय से ड्रेस कोड लागू करने की मांग उठती रही है। हालांकि, विजयनगर के जिलाधिकारी एम.एस. दिवाकर ने कहा कि यह ड्रेस कोड नहीं है क्योंकि प्रशासन ने किसी विशेष प्रकार की पोशाक लागू नहीं किया है। यह मंदिर देवस्थानम विभाग के अधीन आता है।

जाते समय करना होगा वापस

जिलाधिकारी एम.एस. दिवाकर ने कहा कि हम्पी सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं है, यह एक धार्मिक स्थल भी है। दुनिया भर से हम्पी आने वाले पुरुष और महिलाएं विरुपाक्ष मंदिर भी जाते हैं। वे अक्सर शॉर्ट्स, बरमूडा और बनियान में होते हैं। यह हमारी मंदिर परंपरा से मेल नहीं खाता। इसलिए, हमने धोती और तौलिये वितरित करना शुरू कर दिया है। हम इसे निःशुल्क प्रदान कर रहे हैं और पर्यटकों से कह रहे हैं कि वे जाते समय इन्हें वापस कर दें।

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