वसुन्धरा 2003 , 2013 के बाद अब 2023 को भी 13 दिसम्बर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगी ?

हमारे सोशल मीडिया से जुड़े!

विधायक दल की बैठक प्रस्तावित, आज आ सकते हैं पर्यवेक्षक

L.C.Baid Childrens Hospiatl

जयपुर , 9 दिसम्बर। राजस्थान में रविवार 10 दिसम्बर को विधायक दल की बैठक प्रस्तावित है। बैठक में सीएम के नाम को लेकर रायशुमारी होगी। वहीं, अगर केंद्रीय नेतृत्व ने पहले से कोई नाम तय करके भेजा है तो पर्यवेक्षक उस नाम पर सभी विधायकों की सहमति लेंगे। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि रविवार को राजस्थान का सीएम कौन होगा, यह क्लीयर हो जाएगा। बैठक के लिए पर्यवेक्षक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पांडे और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे आज रात तक जयपुर आ सकते हैं।

mona industries bikaner

सूत्रों के अनुसार राजस्थान में पार्टी दो डिप्टी सीएम का फॉर्मूला अपना सकती है। इन पदों पर आदिवासी और राजपूत चेहरे को मौका दे सकती है। हालांकि इन चेहराें का फैसला सीएम के चेहरे के समीकरणों से तय होगा। राजस्थान में सीएम का शपथग्रहण 15 दिसंबर तक होने की संभावना है क्यों कि 16 से मलमास लग जाएगा। शपथग्रहण में पीएम नरेंद्र मोदी भी आ सकते हैं।

विधायक दल की बैठक को लेकर आज सभी विधायकों को आधिकारिक सूचना दी जाएगी। इससे सभी विधायक तय समय पर जयपुर पहुंच सके। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी भी दिल्ली से आज जयपुर लौट आएंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सदस्य सरोज पांडे और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े।

विधायकों के जयपुर पहुंचने का सिलसिला होगा शुरू
अभी तक विधायक दल की बैठक को लेकर आधिकारिक सूचना जारी नहीं हुई हैं। यह माना रहा है कि रविवार को जयपुर में विधायक दल की बैठक होगी। ऐसे में आज जयपुर में विधायकों के जुटने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। कई विधायक पहले से ही जयपुर में है। वहीं जो विधायक जयपुर से बाहर है। वे भी आज शाम तक जयपुर पहुंच सकते हैं।

वसुंधरा राजे पिछले दो दिन से दिल्ली में
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बुधवार रात दिल्ली पहुंच गई थीं। वे पिछले दो दिन से दिल्ली में हैं। विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए राजे भी आज जयपुर आ सकती हैं। राजे ने दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा औऱ केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। सूत्रों के अनुसार राजे ने केंद्रीय नेतृत्व के साथ विधानसभा चुनाव के परिणाम और लोकसभा चुनावों को लेकर चर्चा की थी। इसमें उन्होंने यह बताने की कोशिश की थी कि राजस्थान में उनकी कितनी आवश्यकता हैं।

कंवरलाल मीणा बोले- दुष्यंत सिंह पर बाड़ेबंदी के आरोप गलत
उधर, बीजेपी सांसद दुष्यंत सिंह के कहने पर बाड़ेबंदी करने के ललित मीणा के पिता हेमराज मीणा के आरोप को बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा ने गलत बताया है। कंवरलाल मीणा ने कहा- किशनगंज विधायक ललित मीणा के पिता हेमराज मीणा ने जो आरोप लगाए हैं, वह सरासर गलत हैं। हम सब झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र के विधायक हैं। जीतने के बाद विधायक ललित मीणा सहित आरएसएस और भाजपा कार्यालय बारां गए थे। सुबह 6 बजे अपने-अपने घरों से हम सब गाड़ियों से जयपुर आए थे। आपसी सहमति से एक साथ होटल में रुके थे। बाड़ेबंदी जैसी बात कहना शरारतपूर्ण है। गलत है।

इस मामले को लेकर प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा- होटल वगैरह की बात मुझे नहीं पता, लेकिन यह सच है कि ललित मीणा के पिता से मंगलवार शाम मेरी मुलाकात हुई थी। मैं पिछले 24 घंटे में 32 से अधिक विधायकों से मिला था। प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा- मुझे ध्यान नहीं है और यह कोई खास बात नहीं है। यह जरूर कहूंगा कि कार्यकर्ताओं और विधायकों के लिए पार्टी कार्यालय मंदिर की तरह है और यहां आस्था रखी जानी चाहिए।

70 से अधिक विधायकों का किया था दावा
भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने के साथ ही 4 दिसंबर से सीएम पद को लेकर हलचल तेज हो गई थी। 40 से ज्यादा विधायक सोमवार और मंगलवार को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से मिलने पहुंचे थे। दावा किया गया था कि 75 से अधिक विधायक मिलने आए थे। इधर, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी से भी करीब 30 से ज्यादा विधायक मिलने पहुंचे थे। हालांकि बुधवार से ही विधायकों की मुलाकात का दौर खत्म हो गया था।

विधायक बने सभी सांसदों का इस्तीफा हो चुका
विधायक बने भाजपा के चारों सांसदों का इस्तीफा हो चुका है। इनमें दीया कुमारी, किरोड़ीलाल मीणा, महंत बालकनाथ और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ शामिल हैं।

बीजेपी में पहला मौका जब सीएम पद को लेकर असमंजस
राजस्थान बीजेपी में यह पहला मौका है, जब मुख्यमंत्री को लेकर असमंजस बना हुआ है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। बीजेपी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके ही चुनाव लड़ती रही है, इसलिए कभी नतीजे आने के बाद असमंजस नहीं हुआ। पहले भैरोंसिंह शेखावत बीजेपी के सीएम चेहरे हुआ करते थे। 2003, 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में वसुंधरा राजे पहले से सीएम चेहरा घोषित थीं, इसलिए असमंजस नहीं हुआ था।

2003 और 2013 में वसुंधरा राजे का पहले से ही सीएम बनना तय था, इसलिए नतीजे आने के बाद ही सीएम की शपथ का टाइम तय हो जाता था, विधायक दल की बैठक में नाम की घोषणा केवल औपचारिकता ही रहती थी। दोनों ही बार वसुंधरा राजे ने 13 दिसंबर को शपथ ली थी। देखना यह है की 2003 , 2013 के बाद अब 2023 को 13 दिसम्बर को मुख्यमंत्री पद की शपथ वसुन्धरा ले पाएगी या नहीं।

 

थार एक्सप्रेस
CHHAJER GRAPHIS

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *